Tomato Flu पर सरकार की एडवायजरी, ऐसे की जा सकती है बीमारी की सही जांच
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Tomato Flu पर सरकार की एडवायजरी, ऐसे की जा सकती है बीमारी की सही जांच

Tomato Flu in Hindi: ये बीमारी कोरोनावायरस की तरह तेज़ी से नहीं फैलती और ना ही मंकीपॉक्स की तरह जानलेवा साबित होती है. बच्चों को आराम करवाएं, स्कूल और खेलने ना जाने दें, बच्चों को फ्लूइड्स देते रहें.

Tomato Flu पर सरकार की एडवायजरी, ऐसे की जा सकती है बीमारी की सही जांच

Advisory on Tomato Flu: केंद्र सरकार ने टोमेटो फ्लू पर एडवाइजरी जारी की है. हालांकि सरकार ने माना है कि यह कोई नई बीमारी नहीं है. बहुत मुमकिन है कि यह पहले से फैली हुई हैंड फुट एंड माउथ डिजीज का ही एक नया प्रकार है. सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए यह भी साफ किया है कि गले से और नाक से सैंपल लेकर इस बीमारी की सही जांच की जा सकती है. इसके अलावा स्टूल सैंपल यानी मल की जांच के जरिए भी बीमारी का पता लगाया जा सकता है. जरूरत पड़े तो शरीर पर पड़ने वाले लाल दानों का फ्लुएड निकालकर भी टेस्ट किए जा सकते हैं.

हम पहले ही आपको यह साफ कर चुके हैं कि यह कोई नई बीमारी होगी. इसी बात पर आज स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुहर लगाई है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर आने वाले समय में इस बीमारी के बारे में और ज्यादा जानकारी मिलती है तो वह भी अपडेट किया जाएगा.

क्या होता है टेमेटो फ्लू - क्या ये कोई नई बीमारी है, जिसकी शुरुआत भारत में मानी जा रही है. ये सवाल इसलिए है क्योंकि 17 अगस्त को लैंसेट जर्नल ने एक आर्टिकल प्रकाशित किया है जिसके मुताबिक भारत में एक नई बीमारी टेमेटो फ्लू सामने आई है,जिसके अब तक 80 से ज्यादा मरीज भी हो चुके हैं.

तो क्या भारत से एक नई महामारी का जन्म हो रहा है और क्या कोरोनावायरस और मंकीपॉक्स के बाद एक और नई बीमारी से हमें सामना करना होगा. इसके लिए सबसे पहले ये समझना होगा कि ये टमेटो फ्लू क्या है और कहां से आया है. केरल में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ये बीमारी पाई गई है. इस बीमारी में बच्चों को बुखार के साथ लाल चकत्ते यानी Rashes और लाल दाने निकलते हैं जो कुछ कुछ टमाटर जैसे लगते हैं.

ऐसे बच्चों को हो रहा टोमेटो फ्लू 

आमतौर पर ये बीमारी ऐसे बच्चों में देखी जा रही है जिन्हें हाल ही में डेंगू या चिकनगुनिया हुआ हो और वो उससे रिकवर कर रहे हों. इस बीमारी में बुखार के साथ थकान, लाल दाने, जोड़ों में दर्द हो सकता है. इस बारे में हमने मधुकर रेनबो अस्पताल के डॉ पवन कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स बीमारी ये बीमारी काफी अलग है और कम खतरनाक भी है. आमतौर पर ये बीमारी आराम करने और बुखार की दवा लेने से ही 5 से 7 दिन में ठीक हो जाती है. ये एक बच्चे से दूसरे बच्चे में फैल सकती है, लेकिन इसके बच्चों से बड़ों में फैलने की आशंका कम ही रहती है.

हालांकि कई एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये कोई नई बीमारी नहीं है. बस इसे टेमेटो फ्लू का नया नाम दे दिया गया है. लैंसेट जर्नल में जो रिसर्च पेपर छपा है उसमें ये कहीं नहीं लिखा है कि लैब टेस्ट या किसी और तरीके से ये साबित हुआ हो कि ये कोई नया वायरस है.

डॉ अनिल बत्रा के मुताबिक, ये बच्चों में पाई जाने वाली हैंड, फुट एंड माउथ डिज़ीज़ ही है, या ये उसका वेरिएंट भी हो सकता है. ये बीमारी पहले भी भारत के हर हिस्से में बच्चों में पाई गई है. नई बीमारी का नाम देने के लिए पहले रिसर्च और टेस्ट के ज़रिए इस बीमारी की पहचान होनी चाहिए.

जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक टमेटो फ्लू का पहला मामला 6 मई को केरल के कोल्लम में मिला और तीन महीने में इस बीमारी ने 82 बच्चों को अपनी चपेट में लिया है. केरल के अलावा, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा में भी इस बीमारी के शिकार बच्चे मिले हैं.

ये बीमारी कोरोनावायरस की तरह तेज़ी से नहीं फैलती और ना ही मंकीपॉक्स की तरह जानलेवा साबित होती है. बच्चों को आराम करवाएं, स्कूल और खेलने ना जाने दें, बच्चों को फ्लूइड्स देते रहें.  हालांकि दक्षिण के कुछ राज्यों में इस बीमारी के फैलने के बाद राज्य सरकारों के स्तर पर सावधानी जरुर बरती जा रही है.

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