Heart Attack के 40% मामलों में चुपके से पड़ता है दिल का दौरा, जानिए Silent Attack के संकेत और रिस्क फैक्टर
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Heart Attack के 40% मामलों में चुपके से पड़ता है दिल का दौरा, जानिए Silent Attack के संकेत और रिस्क फैक्टर

Silent heart attack: साइलेंट हार्ट अटैक के दौरान दिल की मांसपेशियों में खून का फ्लो कम हो जाता है या पूरी तरह से रुक जाता, जिससे दिल की मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है.

 Heart Attack के 40% मामलों में चुपके से पड़ता है दिल का दौरा, जानिए Silent Attack के संकेत और रिस्क फैक्टर

Silent heart attack: साइलेंट हार्ट अटैक एक तरह का दिल का दौरा है, जो सीने में दर्द, सांस की तकलीफ या पसीने के सामान्य लक्षणों के बिना होता है. इसे साइलेंट इस्किमिया या साइलेंट मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (SMI) के रूप में भी जाना जाता है. वास्तव में साइलेंट हार्ट अटैक वाले कई लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें हार्ट अटैक आया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, हार्ट अटैक के 40% से अधिक मामलों में दिल का दौरा चुपके से आता है. साइलेंट हार्ट अटैक के दौरान दिल की मांसपेशियों में खून का फ्लो कम हो जाता है या पूरी तरह से रुक जाता, जिससे दिल की मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है. यह डैमेज दिल को खराब या कमजोर कर सकती है, जिससे खून पंप करना कठिन हो जाता है. इससे हार्ट फेल का खतरा बढ़ जाता है.

साइलेंट हार्ट अटैक और नॉर्मल हार्ट अटैक के बीच मुख्य अंतर टिपिकल लक्षणों की अनुपस्थिति है. हालांकि, दोनों प्रकार के हार्ट अटैक के अंतर्निहित कारण और रिस्क फैक्टर कारक समान हैं. इन रिस्क फैक्टर्स में हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, डायबिटीज, दिल की बीमारी का पारिवारिक इतिहास और गतिहीन लाइफस्टाइल शामिल हैं.

साइलेंट हार्ट अटैक के संकेत
साइलेंट हार्ट अटैक के संकेत हमेशा अस्पष्ट होते हैं, जिसके कारण व्यक्ति उन्हें समझ नहीं पाता है. इसलिए, अक्सर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है. कुछ सामान्य लक्षण होते हैं जो इसकी पहचान करने में मदद कर सकते हैं, जैसे-
अचानक नपुंसकता या चक्कर आना

  • नपुंसकता के साथ बेहोशी या अस्थायी लकवा
  • सांस लेने में तकलीफ या सांस न लेने की भावना
  • दर्द या असहजता का अनुभव करना, विशेष रूप से हाथ, बाएं भुजा, पेट, गले या जबड़े में
  • अचानक शरीर का हिस्सा डैमेज हो जाना
  • भयानक असहज भारीपन का अनुभव करना

हार्ट अटैक के खतरे को कैसे कम करें?

नियमित व्यायाम करें: दिन के कुछ समय अपने शरीर को व्यायाम देना बहुत महत्वपूर्ण है. इससे दिल की सेहत स्वस्थ रहता है और खून के फ्लो में सुधार होता है.

सही खानपान: सही खान पान रखने से हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है. नियमित खाने में सब्जियां, फल, अनाज, दूध आदि शामिल करें.

स्ट्रेस से दूर रहें: स्ट्रेस हार्ट अटैक का एक मुख्य कारण होता है. इसलिए स्ट्रेस को कम करने के लिए योग या मेडिटेशन आदि कर सकते हैं.

नियमित चेकअप: नियमित चेकअप से हार्ट से जुड़ी समस्याओं को जल्द से जल्द पहचाना जा सकता है.

तंबाकू और शराब का सेवन न करें: तंबाकू और शराब दिल की सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं. इनके सेवन से हार्ट की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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