01 जून 2001: वो तारीख जब प्यार की खातिर नेपाल के राजकुमार ने कर दी थी पूरे शाही परिवार की हत्या
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01 जून 2001: वो तारीख जब प्यार की खातिर नेपाल के राजकुमार ने कर दी थी पूरे शाही परिवार की हत्या

02 जून 2001 को दुनिया भर में एक खबर ने सभी का दिल दहला कर रख दिया. 01 जून 2001 को असफल प्रेम का बदला लेने के लिए एक राजकुमार ने अपने ही परिवार को खत्म कर दिया. 

राजकुमार ही बना अपने परिवार का दुश्मन (फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: 02 जून 2001 को दुनिया भर में एक खबर ने सभी का दिल दहला कर रख दिया. 01 जून 2001 को असफल प्रेम का बदला लेने के लिए नेपाल के राजकुमार ने अपने ही परिवार को खत्म कर दिया. शाही परिवार की दो पीढ़ी एक झटके में खत्म हो गई. खून से सने शव जमीन पर बिखरे हुए थे. महल में ही एक जगह मौत का इंतजार करता राजकुमार भी खून से लथपथ पड़ा हुआ था. तीन दिन बाद उसकी भी मौत हो गई और कुछ ही दिनों में इस हत्याकांड की पूरी कहानी दुनिया के सामने थी.

  1. एक ही दिन में शाही घराने के नौ सदस्यों की हुई थी नृशंस हत्या
  2. क्राउन प्रिंस ने ली अपने ही माता-पिता और परिजनों की जान
  3. प्यार को मिली नामंजूरी के कारण गुस्से में था राजकुमार दीपेंद्र

नेपाल के शाही परिवार के इतिहास का वो काला दिन
जांच अधिकारियों की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना वाले दिन शाही महल में एक पार्टी का आयोजन किया गया था जिसमें परिवार के लोग शामिल हुए थे. क्राउस प्रिंस दीपेंद्र और राजा वीरेंद्र के बीच किसी बात को लेकर काफी बहस हुई थी. दीपेंद्र नशे में था. राजा ने उसे कमरे से ले जाने के लिए कहा. दीपेंद्र के भाई उसे वहां से ले गए और कमरे में छोड़कर आए.

एक घंटे बाद दीपेंद्र कमरे में वापस आया और अपने पिता बीरेंद्र को गोली मार दी. इसके बाद वो बाहर गया और हथियारों से भरे अपने बैग से एम16 गन निकालते हुए वापस लौटा. उसने राजा वीरेंद्र पर एक के बाद एक कई गोलियां दोबारा दागीं. उसे रोकने के लिए उसके चाचा धीरेंद्र बीच में आए और बंदूक छीनने की कोशिश की. गुस्से में उबल रहे दीपेंद्र ने उन पर प्वाइंट-ब्लैंक रेंज से सीने पर गोली चलाई, जिससे उनके मौके पर ही मौत हो गई. ये राजमहल में होने वाले नृशंस हत्याकांड की शुरुआत थी.

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इसके बाद दीपेंद्र के सामने जो भी आया वो उसे मारता गया. इसमें उसकी बहनें, भाई, बुआ, फूफा भी शामिल थे. गोलियां की आवाज सुन रानी ऐश्वर्या घटनास्थल पर आईं और दीपेंद्र पर चिल्लाते हुए ये पूछने लगीं कि वो आखिर इससे क्या साबित करना चाहता है. दीपेंद्र ने कोई जवाब न देते हुए उन पर भी फायरिंग कर दी. नौ लोगों की जान लेने के बाद दीपेंद्र महल के दूसरे हिस्से में यहां से वहां भागता रहा और फिर खुद को सिर में गोली मार ली. इस गोली से वो गंभीर रूप से घायल हो गया और कोमा में चला गया. तीन दिन बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

नेपाल में छुपाई गई खबर
नेपाल में इस घटना के बारे में कोई खबर नहीं दिखाई गई. इस घटना को दबाने की कोशिश की गई. लेकिन भारत और अन्य देशों में घटना से जुड़ी खबरों को प्रमुखता से दिखाता गया. बाद में नेपाल की मीडिया में भी इस पर कवरेज किया गया. जांच टीम का गठन हुआ तो पूरे हत्याकांड के लिए राजकुमार और क्राउन प्रिंस दीपेंद्र ही जिम्मेदार बनकर सामने आया.

जिससे प्यार किया वो नहीं थी शाही परिवार को मंजूर
हत्याकांड की बड़ी वजह दीपेंद्र के प्यार को मिली शाही परिवार की मनाही माना जाता है. दीपेंद्र शाह राजवंश से ताल्लुक रखता था. उसे राणा वंश की देव्यानी राणा से प्यार था. उसने इस रिश्ते के लिए राजा-रानी से बात की लेकिन वे नहीं मानें, क्योंकि राणा और शाह परिवार में पुरानी रंजिश थी. इसी बात को लेकर दीपेंद्र नाराज था और घटना वाले दिन भी इसी बात पर उसकी राजा-रानी से बहस हुई थी. राजा बीरेंद्र ने दीपेंद्र से उससे राजकुमार का ताज छीन लेने की भी धमकी दी थी, जिसके बाद गुस्से और बदले की आग में दीपेंद्र ने नृशंस हत्याकांड को अंजाम दिया.

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