डोनाल्ड ट्रंप की नस्लीय बयान पर बिफरे अफ्रीकी देश, अमेरिकी राष्ट्रपति से माफी मांगने को कहा
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डोनाल्ड ट्रंप की नस्लीय बयान पर बिफरे अफ्रीकी देश, अमेरिकी राष्ट्रपति से माफी मांगने को कहा

अफ्रीकी संघ के प्रमुख मूसा फाकी की प्रवक्ता एब्बा कलोंडो ने कहा कि यह टिप्पणी ‘साफ तौर पर’ नस्ली है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो)

नैरोबी: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अफ्रीकी देशों को ‘मलिन’ (शिटहोल) देश कहने पर अफ्रीकी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया की, जबकि कई नेताओं ने ट्रंप पर नस्लवादी और अज्ञानता का आरोप लगाया. शुक्रवार (12 जनवरी) को 55 सदस्यीय अफ्रीकी संघ ने इन टिप्पणियों की निंदा की जबकि संयुक्त राष्ट्र में अफ्रीकी महाद्वीप के सभी देशों के राजदूतों ने ट्रंप से बयान वापसी और माफी की मांग की. मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में अफ्रीकी राजदूतों के समूह ने कहा कि वे बहुत ही निराश हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति की घृणित, नस्लवादी और दूसरे देश के लोगों के प्रति नफरत भरी टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं. ट्रंप की टिप्पणियों पर विचार करने के लिए बुलाए गए आपात सत्र में राजदूतों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पर सहमति जताई. अफ्रीकी संघ के प्रमुख मूसा फाकी की प्रवक्ता एब्बा कलोंडो ने कहा कि यह टिप्पणी ‘साफ तौर पर’ नस्ली है.

  1. ट्रंप के इस बयान की डेमोक्रेटिक सांसदों ने निंदा की है. 
  2. इस संबंध में सबसे पहले खबर ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने दी थी.
  3. ट्रंप ने यह भी कहा कि वह एशियाई देशों के प्रवासियों का अधिक खुले दिल से स्वागत करें.

डोनाल्ड ट्रंप ने हैती, अफ्रीकी देशों के लोगों को बताया 'मलिन'; पूछा- ये लोग अमेरिका में क्यों हैं

गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हैती और अफ्रीकी देशों के प्रवासियों की रक्षा करने के कुछ अमेरिकी सांसदों के प्रयासों को लेकर निराशा व्यक्त करते हुए पूछा कि अमेरिका को इन ‘‘मलिन’’ (शिटहोल) देशों के नागरिकों को क्यों स्वीकार करना चाहिए. ट्रंप ने सीनेटरों और कांग्रेस के सदस्यों से मुलाकात की और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मदद करने वाले कुछ एशियाई देशों से प्रवासियों की वकालत की. कई मीडिया रिपोर्ट में ट्रंप के हवाले से कहा गया, ‘‘हमारे यहां मलिन देशों के ये सभी लोग क्यों हैं?’’ राष्ट्रपति ने अफ्रीकी देशों और हैती का जिक्र करते हुए यह बात की और सुझाव दिया कि अमेरिका को नॉर्वे जैसे स्थानों के प्रवासियों का स्वागत करना चाहिए. नॉर्वे के प्रधानमंत्री ने गत बुधवार (10 जनवरी) को ट्रंप से मुलाकात की थी.

ट्रंप के इस बयान की डेमोक्रेटिक सांसदों ने निंदा की है. इस संबंध में सबसे पहले खबर ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने दी थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के अनुसार ट्रंप ने यह भी कहा कि वह एशियाई देशों के प्रवासियों का अधिक खुले दिल से स्वागत करेंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि वे आर्थिक रूप से अमेरिका की मदद करते हैं. उल्लेखनीय है कि ट्रंप योग्यता के आधार पर आव्रजन की वकालत करते रहे हैं जिससे भारत जैसे देशों को सर्वाधिक लाभ हो सकता है.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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