बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में युद्ध अपराधों और सामूहिक हत्याओं के मामलों में जमात-ए-इस्लामी पार्टी के नेता मोहम्मद मुहम्मद कमरूज्जमां को कल रात फांसी पर लटकाने के बाद आज उसके पैतृक घर में दफन कर दिया गया जबकि उसके समर्थकों ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।
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ढाका : बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में युद्ध अपराधों और सामूहिक हत्याओं के मामलों में जमात-ए-इस्लामी पार्टी के नेता मोहम्मद मुहम्मद कमरूज्जमां को कल रात फांसी पर लटकाने के बाद आज उसके पैतृक घर में दफन कर दिया गया जबकि उसके समर्थकों ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।
अधिकारियों ने बताया कि कमरूज्जमां (63) जमात-ए-इस्लामी के सहायक महासचिव और पार्टी के तीसरा सबसे प्रभावशाली नेता था। कल देर रात फांसी पर लटकाए जाने के बाद उसे उत्तरी शेरपुर में गांव के उसके घर में दफन कर दिया गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, स्थानीय समयानुसार सुबह पांच बजकर 10 मिनट के आसपास कुमरी मुडीपाड़ा में उसके गांव वाले घर में उसे दफन कर दिया गया और उसके पड़ोसी उसे दफनाने के बाद नमाज-ए-जनाजा में शामिल हुए। ‘मीरपुर के कातिल’ के तौर पर जाने जाने वाले अब्दुल कादिर मुल्ला को 12 दिसंबर 2013 में फांसी दिए जाने के बाद कमरूज्जमां परंपरावादी इस्लामवादी पार्टी के दूसरा नेता है जिसे 1971 के अपराधों के लिए फांसी दी गई है।
अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के नौ वाहन, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) और पुलिस की सुरक्षा में एक एंबुलेंस कमर उज जमां के शव को उसके गांव लेकर गई। जमात ए इस्लामी ने कमरूज्जमां को पांसी दिए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया की है और आज एक सामूहिक प्रार्थना का आयोजन किया है। उसने कल एक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।
कापिले के साथ जाने वाले एक पत्रकार ने बताया कि सुरक्षा कारणों से पुलिस गांव के एक किलोमीटर दूर ही रूक गई थी। कमरूज्जमां के खिलाप वर्ष 2013 में आए प्रारंभिक पैसले के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। बांग्लादेश के मुकि्त संग्राम के दौरान पाकिस्तान की तरपदारी करने के चार दशक बाद लंबी सुनवाई के बाद सजा पाए कमरूज्जमां की कब्र कल धान के खेत में खोदी गई थी।