Bangladesh: इस पड़ोसी मुल्क ने भारत के 7 मुख्यमंत्रियों को अपने देश आमंत्रित किया, आखिर क्या है माजरा?
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Bangladesh: इस पड़ोसी मुल्क ने भारत के 7 मुख्यमंत्रियों को अपने देश आमंत्रित किया, आखिर क्या है माजरा?

Act East: भारत की एक्ट ईस्ट नीति अब रंग लाने लगी है. दक्षिण एशिया में भारत के सबसे करीबी साझेदार देश ने भारत के 7 राज्यों के सीएम को अपने देश की विजिट के लिए आमंत्रित किया है. 

Bangladesh: इस पड़ोसी मुल्क ने भारत के 7 मुख्यमंत्रियों को अपने देश आमंत्रित किया, आखिर क्या है माजरा?

Bangladesh PM invites Indian CMs in Dhaka: चीन के मोह में फंसे श्रीलंका और नेपाल जैसे देश जहां भारत से दूरी बनाकर खुद के पांवों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं. वहीं बांग्लादेश और भारत (India and Bangladesh) अपने संबंधों को आगे बढ़ाकर विकास की नई इबारत लिख रहे हैं. इस रिश्ते को नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए अब बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने भारत को ऐसा ऑफर दिया है, जिससे दुनिया में भारत के बढ़ते कद का अंदाजा लगाया जा सकता है. 

शेख हसीना ने भारत को दिया प्रस्ताव

बांग्लादेश (Bangladesh) की पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने भारत को प्रस्ताव दिया है कि वह अपने उत्तरपूर्व के 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ढाका विजिट पर भेजे. इस विजिट के दौरान बांग्लादेश और पूर्वोत्तर भारत के सातों राज्यों में कनेक्टिविटी, सिक्योरिटी और ट्रेड बढ़ाने के मुद्दों पर भी सकारात्मक चर्चा हो सकेगी. भारत सरकार ने सैद्धांतिक रूप से बांग्लादेश का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है और कहा कि उचित तारीखों में इस यात्रा को प्लान किया जाएगा. 

सरकार ने दी सैद्धांतिक मंजूरी

सूत्रों के अनुसार भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मामलों के प्रभारी जी किशन रेड्डी की 7 सितंबर को बांग्लादेश (Bangladesh) की पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) से मुलाकात हुई थी. इसी बैठक में हसीना ने रेड्डी को मुख्यमंत्रियों की ढाका विजिट का प्रस्ताव दिया था. रेड्डी ने इस प्रस्ताव के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय को अवगत कराया, जिसे पीएम मोदी के निर्देश पर सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. अब सरकार पूर्वोत्तर भारत के सातों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के शेड्यूल को देखते हुए विजिट के लिए उचित कार्यक्रम तैयार करेगी. 

भारत का प्रमुख सहयोगी बना बांग्लादेश

बताते चलें कि भारत ने पड़ोसी देशों के साथ अपने संबंध मजबूत करने के लिए 'नेबरहुड फर्स्ट' और 'एक्ट ईस्ट' की नीति घोषित कर रखी है. इस पॉलिसी में बांग्लादेश सबसे प्रमुख देश के रूप में भारत का सहयोगी बना हुआ है. दोनों देशों ने कनेक्टिविटी सुधारने के लिए पिछले कई सालों में बड़े कदम उठाए हैं. इसके लिए हवाई यातायात के साथ-साथ रेल लिंक और नौपरिवहन क्षमता निर्माण के क्षेत्र में अहम कदम उठाए गए हैं.  

दोनों देशों का कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर

दोनों देश इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि बांग्लादेश (Bangladesh) में बहने वाली बड़ी नदियों पर छोटे जहाज चलाकर आपसी व्यापार बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए. साथ ही कोलकाता से वाया ढाका होते हुए पूर्वोत्तर भारत को सामानों की आपूर्ति का नया मार्ग शुरू किया जाए. इसके लिए बांग्लादेश के चत्तोग्राम और मोंगला पोर्ट से असम, मेघालय और त्रिपुरा के बीच 3 जलमार्गों के बीच 4 ट्रायल रन हो चुके हैं. फिलहाल वहां पर ढांचागत सुविधाओं के निर्माण पर काम चल रहा है. ये फैसिलिटी बनने के बाद इन जलमार्गों पर आपसी व्यापार शुरू कर दिया जाएगा.

5 वर्षों में दोगुना बढ़ा व्यापार

दोनों देशों (India and Bangladesh) के व्यापार के आंकड़ों की बात करें वर्ष 2017 में दोनों देशों के बीच 9 बिलियन डॉलर का व्यापार होता था, जो अब 2022 में दोगुना बढ़कर 18 बिलियन डॉलर हो चुका है. सरकार अगले 5 साल में इसे 30 बिलियन डॉलर पर पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है. दक्षिण एशिया में बांग्लादेश (Bangladesh), भारत का सबसे बड़े बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. वहीं भारत आने वाले सबसे ज्यादा विदेशियों में भी बांग्लादेशी नागरिक पहले स्थान पर है. बांग्लादेश ने कुछ सालों में पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय उग्रवादी संगठनों की कमर तोड़कर भारत को बड़ी राहत दी है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते आपसी सहयोग का शानदार उदाहरण है. 

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