चीन की गीदड़भभकी, डोकलाम गतिरोध से भारत को सीखना चाहिए सबक
Advertisement
trendingNow1358861

चीन की गीदड़भभकी, डोकलाम गतिरोध से भारत को सीखना चाहिए सबक

डोकलाम गतिरोध 16 जून को तब शुरू हुआ था जब पीएलए की योजना क्षेत्र में एक सड़क बनाने की थी और इस क्षेत्र पर भूटान ने दावा किया था.

भारत और चीन में समझौते के बाद 28 अगस्त को डोकलाम गतिरोध समाप्त हुआ था. (फाइल फोटो)

बीजिंग: चीन ने मंगलवार (19 दिसंबर) को कहा कि डोकलाम की घटना द्विपक्षीय समझौतों के लिए एक ‘बड़ी परीक्षा’’ थी और भविष्य में इस तरह की किसी स्थिति से बचने के लिए इससे सबक सीखा जाना चाहिए. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन के स्टेट काउंसिलर यांग जिची के बीच सीमा वार्ता के 20वें दौर की बातचीत 22 दिसम्बर को नई दिल्ली में होगी. दोनों पक्ष वार्ता के इस दौर को महत्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के 28 अगस्त को खत्म होने के बाद बातचीत का यह पहला दौर होगा. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने आज यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘विशेष प्रतिनिधियों की यह बैठक न केवल सीमा मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए बल्कि रणनीतिक संवाद के लिए एक मंच भी होगी.’’

  1. 3,488 किलोमीटर लम्बी एलएसी जम्मू कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक है. 
  2. इसमें से 220 किलोमीटर सीमा सिक्किम में पड़ती है. 
  3. दोनों पक्ष विवाद को सुलझाने के लिए अब तक बातचीत के 19 दौर आयोजित कर चुके हैं. 

उन्होंने कहा कि बैठक में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान होगा. हुआ ने कहा, ‘‘वर्ष 2017 में चीन-भारत संबंध आमतौर पर अच्छे रहे हैं लेकिन डोकलाम की घटना दोनों देशों के लिए एक बड़ी परीक्षा बन गई थी. हमें भविष्य में इस तरह की किसी घटना से बचने के लिए इससे सबक सीखना चाहिए.’’ हुआ ने कहा, ‘‘सीमा क्षेत्र में शांति बनाये रखने के लिए हमें अपने ऐतिहासिक समझौतों का पालन करना चाहिए और इसके साथ ही भारत-चीन संबंधों की रक्षा करनी चाहिए.’’

डोकलाम गतिरोध के वार्ता पर पड़े प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को विदेश मंत्री वांग यी की हाल में नई दिल्ली की यात्रा के दौरान भी उठाया गया था. वांग रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए गये थे. इस बैठक से इतर वांग ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी बातचीत की थी. हुआ ने कहा कि वांग ने सुषमा स्वराज के साथ हुई बैठक में डोकलाम मुद्दे के बारे में बात की थी. सीमा विवाद के मुद्दे को सुलझाने के प्रयास के अलावा भारत-चीन के विशेष प्रतिनिधियों की बातचीत के प्रारूप में राजनीतिक, रणनीतिक, आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे भी शामिल हैं.

3,488 किलोमीटर लम्बी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) जम्मू कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक है. इसमें से 220 किलोमीटर सीमा सिक्किम में पड़ती है. दोनों पक्ष विवाद को सुलझाने के लिए अब तक विशेष प्रतिनिधियों की बातचीत के 19 दौर आयोजित कर चुके हैं. डोकलाम गतिरोध 16 जून को तब शुरू हुआ था जब पीएलए की योजना क्षेत्र में एक सड़क बनाने की थी और इस क्षेत्र पर भूटान ने दावा किया था. भारतीय सैनिकों के हस्तक्षेप के बाद इसे रोका गया. भारत और चीन के बीच परस्पर समझौते के बाद 28 अगस्त को यह गतिरोध समाप्त हुआ था.

Trending news