चीन ने पहली बार भारत को दिखाए अपने हथियार, अर्जुन टैंक की सराहना की
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चीन ने पहली बार भारत को दिखाए अपने हथियार, अर्जुन टैंक की सराहना की

भारत के स्वदेश निर्मित मुख्य युद्धक टैंक ‘अर्जुन’ की चीनी सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने सराहना करते हुए इसे भारतीय परिस्थितियों में बहुत अच्छा बताया। वहीं, पीएलए ने पहली बार अपने व्यापक आधुनिकीरण की झलक दिखाने को लेकर भारतीय मीडिया के लिए अपने संस्थानों को खोला है।

चीन ने पहली बार भारत को दिखाए अपने हथियार, अर्जुन टैंक की सराहना की

बीजिंग : भारत के स्वदेश निर्मित मुख्य युद्धक टैंक ‘अर्जुन’ की चीनी सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने सराहना करते हुए इसे भारतीय परिस्थितियों में बहुत अच्छा बताया। वहीं, पीएलए ने पहली बार अपने व्यापक आधुनिकीरण की झलक दिखाने को लेकर भारतीय मीडिया के लिए अपने संस्थानों को खोला है।

बेहतर हुए सैन्य संबंध का संकेत देते हुए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने आगंतुक भारतीय पत्रकारों की एक टीम के लिए मुख्य सैन्य संस्थान..एकेडमी ऑफ आर्मर्ड फोर्सेज इंजीनयरिंग के दरवाजे खोल दिए हैं, जो सालाना 6,000 कैडेट को प्रशिक्षण देता है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित युद्धक टैंक अर्जुन के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ कर्नल लियू देगांग ने कहा कि यह बहुत अच्छा है और भारतीय परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है। वह एकेडमी के उप कमांडर हैं। एकेडमी भारत के युद्ध साजो सामान पर करीबी नजर रखती है।

अर्जुन टैंक तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है जिसे सेना के लिए डीआरडीओ ने विकसित किया है। यह एक एमटीयू मल्टी फ्यूल डीजल इंजन से चलता है और 67 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार हासिल कर सकता है। एकेडमी टैंक और बख्तरबंद वाहनों के प्रशिक्षण देने में विशेषज्ञता रखती है।

यह पीएलए के अधिकारियों को बख्तरबंद यांत्रिक शक्तियों के बारे में डिप्लोमा देने वाले 16 संस्थानों में शामिल है।

यह पीएलए के कैडेट को प्रशिक्षण देने के अलावा खासतौर पर विभिन्न दक्षिण एशियाई देशों और विदेशी कैडेट को भी प्रशिक्षण मुहैया करता है।

गौरतलब है कि 23 लाख की क्षमता वाली दुनिया की सबसे बड़ी सेना पीएलए ने पिछले कुछ साल में व्यापक सैन्य आधुनिकीकरण शुरू किया है। इसका सालाना रक्षा बजट 145 अरब डॉलर का है जो सिर्फ अमेरिका से कम है। चीनी सेना स्वदेशी वायुयान, विमान वाहक पोत, मिसाइल और जमीनी हथियार प्रणालियां विकसित करने पर अधिक ध्यान दे रहा है।

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