संयुक्त राष्ट्र महासभा के पूर्व अध्यक्ष पर रिश्वतखोरी का आरोप, हैरत में मून
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संयुक्त राष्ट्र महासभा के पूर्व अध्यक्ष पर रिश्वतखोरी का आरोप, हैरत में मून

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून महासभा के पूर्व अध्यक्ष जॉन ऐश के खिलाफ रिश्वत के बेहद संगीन आरोपों को जानकर स्तब्ध और बहुत व्यथित हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के पूर्व अध्यक्ष पर रिश्वतखोरी का आरोप, हैरत में मून

न्यू यॉर्क : संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून महासभा के पूर्व अध्यक्ष जॉन ऐश के खिलाफ रिश्वत के बेहद संगीन आरोपों को जानकर स्तब्ध और बहुत व्यथित हैं।

मून के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिच ने मंगलवार को कहा कि महासचिव ऐश के खिलाफ आरोपों को जानकर बहुत स्तब्ध और आहत हैं। दुजारिक ने जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र में भ्रष्टाचार कोई आम बात नहीं है और विश्व संस्था को अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय की ओर से की गई जांच के बारे में भी नहीं सूचित किया गया।

दुजारिक ने कहा, 'प्रेस में मामले के उजागर होने तक कानूनी मामलों के हमारे कार्यालय और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं थी। निश्चित तौर पर अगर संबंधित अमेरिकी अधिकारी हमसे संपर्क करते तो हम उनका सहयोग करते।'

सितंबर 2013 में महासभा के 68वें सत्र के नेता के तौर पर नियुक्त किए जाने से पहले ऐश संयुक्त राष्ट्र में एंटीगुआ-बरबुडा के स्थाई प्रतिनिधि थे। एक परियोजना के संबंध में चीनी कारोबारी हित के समर्थन में यूएनजीए अध्यक्ष और एंटीगुआ सरकार के अधिकारी के तौर पर आधिकारिक कार्रवाई के एवज में ऐश को 13 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक की राशि रिश्वत के तौर पर दिये जाने के अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा के आरोपों के बाद मंगलवार को उन्हें और पांच अन्य को इस संबंध में गिरफ्तार किया गया।

महासभा के वर्तमान अध्यक्ष और डेनमार्क की संसद के पूर्व अध्यक्ष मोगेन्स लिक्केटॉफ ने कहा, 'एक ऐसे देश से आता हूं जो वैश्विक ट्रांसपरेंसी इंडेक्स में लगातार पहले पायदान पर काबिज रहा और बिना अमीर बने मैंने डेनमार्क की राजनीति में 34 वर्ष तक सेवा दी। निश्चित तौर पर ऐसे शख्स के बारे में यह सब जानकर मैं स्तब्ध हूं। मुझे लगता है कि संयुक्त राष्ट्र और उसके प्रतिनिधियों को पारदर्शिता के सर्वोच्च मानक और नीतियों के आधार पर रखना चाहिए।' 

दुजारिच ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अभी भी घटनाक्रम और पूरे मामले का अध्ययन कर रहा है। ऐश पर डोमिनिक गणराज्य के लिए संयुक्त राष्ट्र के दूत फ्रैंसिस लॉरेंजो, यिंग लैप सेंग, जेफ यिन, शिवेई यान और हीदी हांग पियाओ के साथ आरोप लगाए गए हैं। आरोपों के मुताबिक, ऐश के देश एंटीगुआ में संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई और अधिकारियों को प्रभावित करने की मांग में ऐश ने चीन के विभिन्न कारोबारियों से रिश्वत मांगी और इसे स्वीकार भी किया।

उन्होंने यह रिश्वत तब मांगी और ली जब वे संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें अध्यक्ष और एंटीगुआ के लिए संयुक्त राष्ट्र दूत के तौर पर अपनी सेवा दे रहे थे। इस रिश्वत के बदले में ऐश संयुक्त राष्ट्र और एंटीगुआ से लाभ चाहने वाले कारोबारी जमात के लोगों के लिए आधिकारिक कार्रवाइयों के लिए सहमत हुए और उन्होंने ऐसा किया भी।

इस दौरान उन्होंने लाखों डॉलर की लागत से चीन के मकाउ में संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित सम्मेलन केंद्र बनाने में अपनी दिलचस्पी रखने वाले यिंग से लॉरेंजो और यिन से पांच लाख डॉलर से अधिक की राशि कबूल की थी।

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