डोनाल्ड ट्रंप ने चीन में कहा, सभी देश उत्तर कोरिया के साथ व्यापार रोकें
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डोनाल्ड ट्रंप ने चीन में कहा, सभी देश उत्तर कोरिया के साथ व्यापार रोकें

ट्रंप ने कहा कि दोनों नेताओं ने उत्तर कोरियाई संकट को हल करने के लिए असफल तरीकों को नहीं दोहराने पर सहमति व्यक्त की है.

बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में ग्रुप फोटो के दौरान शी जिनपिंग (अपनी पत्नी के साथ) और डोनाल्ट ट्रंप (अपनी पत्नी के साथ). (IANS/9 Nov, 2017)

बीजिंग: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (9 नवंबर) को सभी देशों से आग्रह किया कि वे 'हत्यारे उत्तर कोरियाई परमाणु शासन' को न तो असलहा मुहैया कराएं, न उसका वित्तपोषण करें और उसके साथ व्यापार को रोक दें. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ग्रेट हॉल में संयुक्त कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि दोनों नेताओं ने उत्तर कोरियाई संकट को हल करने के लिए असफल तरीकों को नहीं दोहराने पर सहमति व्यक्त की है. ट्रंप चीन के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं. चीन, उत्तर कोरिया का सहयोगी है और व्यापार में सबसे बड़ा साझेदार है.

  1. ट्रंप चीन की तीन दिवसीय यात्रा पर बुधवार (8 नवंबर) को बीजिंग पहुंचे थे.
  2. यह ट्रंप का राष्ट्रपति के रूप में चीन का पहला दौरा है.
  3. यह इस साल शी जिनपिंग के साथ डोनाल्ड ट्रंप की तीसरी बैठक है.

वॉशिंगटन का मानना है कि नजदीकी संबंधों के कारण बीजिंग का प्योंगयांग पर अधिक प्रभाव है. आधुनिक चीन के निर्माता कहे जाने वाले माओ त्से तुंग के एक पुत्र 1950 के दशक में अमेरिका के खिलाफ कोरिया में लड़ाई के दौरान मारे गए थे. ट्रंप ने कहा, "राष्ट्रपति शी और हमने उत्तर कोरिया के पूर्ण रूप से परमाणु निरस्त्रीकरण की हमारी परस्पर प्रतिबद्धता पर चर्चा की है."

उन्होंने कहा, "हम अतीत के अपने असफल प्रयासों को नहीं दोहराने के लिए सहमत हुए हैं .. हम उत्तर कोरिया पर सुरक्षा परिषद के सभी प्रस्तावों को पूरी तरह से लागू करने और आर्थिक दबाव को बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं. यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेंगे जब तक उत्तर कोरिया अपने लापरवाह और खतरनाक रास्ते का त्याग नहीं करता है." उन्होंने कहा, "सभी जिम्मेदार देशों को हत्यारे उत्तर कोरियाई परमाणु शासन को असलहा नहीं देना चाहिए, वित्तपोषण नहीं करना चाहिए और व्यापार को रोकने के लिए साथ हो जाना चाहिए."

चीन का कहना है कि वह संयुक्त राष्ट्र के बताए ढांचे के मुताबिक उत्तर कोरिया पर लगाम लगाने के लिए हर संभव कोशिश करेगा, लेकिन वह इस देश के खिलाफ एकपक्षीय प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है. ट्रंप ने कहा, "जब तक हम दूसरों के साथ मिलकर खड़े रहेंगे, जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ जो हमारी सभ्यता के लिए खतरा बन चुके हैं, तो यह खतरा कभी हमारे सामने नहीं आएगा. इसे कभी पनपने का मौका नहीं मिलेगा."

उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने सियोल में अपने संबोधन में कहा थी कि समूचे विश्व को उत्तर कोरिया की इस धमकी के खिलाफ इकठ्ठा हो जाना चाहिए और अब पूरा विश्व हमें देख रहा है." ट्रंप ने कहा, " साथ मिलकर हम इतने सक्षम हैं कि इस क्षेत्र और विश्व के सबसे गंभीर परमाणु खतरे से निपट सकें. लेकिन, शांति को जीतने के लिए एक सामूहिक प्रयास, सामूहिक शक्ति और सामूहिक भाव की जरूरत है." उत्तर कोरिया को डर है कि अमेरिका उसे दक्षिण कोरिया में मिलाना चाहता है.

दक्षिण एशिया में आतंकवाद पर सख्ती के लिए डोनाल्ड ट्रंप, शी जिनपिंग में बनी सहमति 

वहींं दूसरी ओर चीन ने गुरुवार (9 नवंबर) को कहा राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप के बीच आतंकवाद से लड़ने और दक्षिण एशिया में शांति एवं स्थिरता कायम रखने के लिए आम सहमति बनी है. अमेरिका की ओर से आतंकवाद के पनाहगाहों को नेस्तनाबूद करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाया जा रहा है. वार्ता के दौरान यहां शी और ट्रंप ने अफगानिस्तान पर चर्चा की और उसके शांतिपूर्ण भविष्य की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्धता जतायी .

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज सुबह दोनों राष्ट्रपति ने बातचीत की और संयुक्त रूप से प्रेस बैठक की. मुझे वार्ता के ब्यौरे की जानकारी नहीं है. जितना मुझे पता है कि दोनों पक्षों ने आतंकवाद निरोध के मुद्दों और दक्षिण एशिया में शांति एवं स्थिरता कायम रखने पर भी चर्चा की.’ 

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