यूरोपीय संघ समर्थक इमैन्युएल मैक्रॉन बने फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति
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यूरोपीय संघ समर्थक इमैन्युएल मैक्रॉन बने फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति

फ्रांस के राजनीतिक परिदृश्य को पलटते हुए फ्रांसीसी मतदाताओं ने मध्यमार्गी इमैन्युएल मैक्रॉन को देश के सबसे युवा राष्ट्रपति के तौर पर चुना है. यूरोप समर्थक पूर्व निवेश बैंकर एवं यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रमुख स्तंभ के तौर पर फ्रांस को पेश करने वाले मैक्रॉन ने चुनाव में निर्विवाद रूप से अभूतपूर्व जीत हासिल की. रविवार (7 मई) को पेरिस के लूव्र संग्रहालय के बाहर जीत के जश्न की तैयारी में मौजूद मैक्रॉन समर्थकों में जीत का समाचार मिलते ही खुशी की लहर दौड़ गयी. मैक्रॉन समर्थक लाल, सफेद और नीले रंग के तिरंगे झंडे लहराने लगे. रात होते..होते उत्साही भीड़ की तादाद हजारों में पहुंच गयी.

मैकरॉन की जीत पर विदेशों से भी बधाई संदेश का तांता लग गया. (आईएएनएस फोटो)

पेरिस: फ्रांस के राजनीतिक परिदृश्य को पलटते हुए फ्रांसीसी मतदाताओं ने मध्यमार्गी इमैन्युएल मैक्रॉन को देश के सबसे युवा राष्ट्रपति के तौर पर चुना है. यूरोप समर्थक पूर्व निवेश बैंकर एवं यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रमुख स्तंभ के तौर पर फ्रांस को पेश करने वाले मैक्रॉन ने चुनाव में निर्विवाद रूप से अभूतपूर्व जीत हासिल की. रविवार (7 मई) को पेरिस के लूव्र संग्रहालय के बाहर जीत के जश्न की तैयारी में मौजूद मैक्रॉन समर्थकों में जीत का समाचार मिलते ही खुशी की लहर दौड़ गयी. मैक्रॉन समर्थक लाल, सफेद और नीले रंग के तिरंगे झंडे लहराने लगे. रात होते..होते उत्साही भीड़ की तादाद हजारों में पहुंच गयी.

मैक्रॉन ने कहा, ‘हमारे लंबे इतिहास में आज रात एक नया अध्याय जुड़ गया है. मैं हर किसी की उम्मीद बनना और उनमें आत्मविश्वास भरना चाहता हूं.’ फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव के निर्णायक दौड़ में मैक्रॉन की धुर दक्षिणपंथी प्रतिद्वंद्वी रहीं मरीन ले पेन को मतदाताओं ने बड़े अंतर से खारिज कर दिया, जिससे देश की ‘पहली महिला राष्ट्रपति’ बनने का उनका स्वप्न पूरा नहीं हो पाया. जीत की घोषणा के बाद अपनी हार स्वीकार करते हुए मरीन ने 39 वर्षीय मैक्रॉन को तुरंत फोन कर बधाई दी. मैक्रॉन ने टेलीविजन पर प्रसारित अपनी जीत के औपचारिक भाषण में फ्रांस के प्रचंड चुनाव प्रचार अभियान के दौरान प्रत्यक्ष हुए सामाजिक खंडों को भरने और अपने देश में ‘आशाओं एवं आत्मविश्वास के नवसंचार’ का संकल्प जताया.

चेहरे पर गंभीरता लिये हुए मैकरॉन ने घोषणा की, ‘मैं अपने देश के लोगों को जानता हूं जिनके चलते अभूतपूर्व मतदान हुआ. मैं उनका आदर करता हूं. आप सभी ने बड़ी तादाद में जो गुस्सा, चिंता, शंकाएं जाहिर की हैं, उन्हें मैं समझता हूं. उन्हें सुनना मेरी जिम्मेदारी है.’ ले पेन के प्रदर्शन ने उनकी उन उम्मीदों को भी झटका दिया कि अपनी जनवादी छवि से वह फ्रांस के राष्ट्रपति भवन एलीसी पैलेस पहुंच जायेंगी. जनवादी लहर पर सवार हो डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस पहुंचे और ब्रिटेन को ईयू छोड़ना पड़ा.

ऑस्ट्रिया और नीदरलैंड के चुनावों के बाद अब मैकरॉन की जीत ने छह महीने में तीसरी बार यह दिखाया है कि यूरोपीय मतदाताओं ने यूरोप के पास सीमा बहाल करने के इच्छुक धुर दक्षिणपंथी-जनवादियों को सिरे से खारिज कर दिया. मैकरॉन ने कहा, ‘फ्रांस की जीत हुई. हर कोई कहता था कि यह असंभव है. लेकिन वे फ्रांस को नहीं जानते थे.’ उन्होंने कहा कि ले पेन के मतदाताओं ने उनका समर्थन किया क्योंकि वे गुस्से में थे. उन्होंने संकल्प जताया, ‘इस पांच साल में मैं सबकुछ करूंगा ताकि अतिवादियों के पक्ष में मतदान करने का कोई कारण नहीं रहे.’ 

मैकरॉन की जीत पर विदेशों से भी बधाई संदेश का तांता लग गया. ट्रम्प ने मैकरॉन की जीत को ‘बड़ी जीत’ बताते हुए ट्वीट कर उन्हें बधाई दी और कहा कि वह फ्रांस के नेता के साथ काम करने को लेकर आशान्वित हैं. फ्रांस के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा कि वह अमेरिका के साथ खुफिया सूचनाएं साझा करने और सहयोग को जारी रखना चाहते हैं. उन्होंने उम्मीद जतायी कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में ट्रम्प अमेरिका को अलग नहीं करेंगे. जर्मनी के विदेश मंत्री सिग्मर गैब्रिएल ने भी मैकरॉन को बधाई दी.

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