Explainer: सूअर की किडनी और हार्ट पंप! दुर्लभ सर्जरी से महिला को मिली नई जिंदगी
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Explainer: सूअर की किडनी और हार्ट पंप! दुर्लभ सर्जरी से महिला को मिली नई जिंदगी

Pig Kidney Transplant:  महिला के हार्ट और किडनी के एक साथ खराब होने की वजह से उनका पारंपरिक ट्रांसप्लांट नहीं हो सकता था. लेकिन डॉक्टरों ने एक अनोखा तरीका निकाल उन्हें नया जीवन दिया. 

Explainer: सूअर की किडनी और हार्ट पंप! दुर्लभ सर्जरी से महिला को मिली नई जिंदगी

Pig Kidney Transplant: डॉक्टरों ने न्यू जर्सी की एक महिला में सुअर की किडनी ट्रांसप्लाट की है. यह ट्रांसप्लांट दो सर्जरी हिस्सा था जिन्होंने मरीज को नया जीवन दिया. लिसा पिसानो के हार्ट और किडनी के एक साथ खराब होने की वजह से उनका पारंपरिक ट्रांसप्लांट नहीं हो सकता था. एपी के मुताबिक एनवाईयू लैंगोन हेल्थ के डॉक्टरों ने एक अनोखा तरीका निकाला, उसके दिल की धड़कन को बनाए रखने के लिए एक मैकेनिकल पंप लगाया और कुछ दिनों बाद जेनेटिकली मॉडिफाइड सूअर से एक किडनी ट्रांसप्लांट की गई.

एनवाईयू टीम ने बुधवार को घोषणा की कि पिसानो लगातार बेहतर हो रही हैं. 54 वर्षीय पिसानों एक वॉकर पकड़ा और अपने कुछ कदम बढ़ाएं. बता दें पिसानो दूसरी ऐसी मरीज हैं जिन्हें सूअर की किडनी लगाई गई है. पिछले महीने अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में पहली एक शख्स को सूअर की किडनी लगाई गई थी.

पिसानो ने बताया, 'मैं अपने अंत के करीब थी और आप जानते हैं, मैंने एक चांस लिया, अगर यह मेरे लिए काम नहीं करता, तो यह किसी और के लिए काम कर सकता था और इससे दूसरे शख्स को मदद मिल सकती थी.'

एनवाईयू लैंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. रॉबर्ट मोंटगोमरी ने ऑपरेटिंग रूम में एक और खुशखबरी सुनाई कि अंग ने तुरंत मूत्र बनाना शुरू कर दिया है. उन्होंने प्रयोग के शुरुआती नतीजों के बारे में कहा, 'यह परिवर्तनकारी रहा है.'

हालांकि हार्ट पंप लगाने वाले एनवाईयू कार्डियक सर्जन डॉ. नादेर मोआज़ामी ने चेतावनी देते हुए कहते हैं, 'हम अभी भी समस्या से बाहर नहीं निकले हैं.'

सूअर की किडनी की मांग
एपी के मुताबिक 100,000 से अधिक लोग यूएस ट्रांसप्लांट वेटिंग लिस्ट में हैं, जिनमें से अधिकांश को किडनी की जरुरत है. हजारों लोग इंतजार करते-करते मर जाते हैं. दान किए गए अंगों की कमी को पूरा करने की उम्मीद में, कई बायोटेक कंपनियां सूअरों को जेनेटिकली मॉडिफाइड रही हैं ताकि उनके अंग अधिक मानवीय हों, लोगों इम्यून सिस्टम द्वारा नष्ट होने की संभावना कम हो.

एनवाईयू और दूसरी रिसर्च टीमों ने अस्थायी रूप से सुअर के गुर्दे और दिल को ब्रेन डेड बॉडी में ट्रांसप्लाट किया है, जिसके परिणाम आशाजनक रहे हैं. फिर मैरीलैंड यूनिवर्सिटी ने सुअर के दिलों को दो ऐसे व्यक्तियों में ट्रांसप्लांट किया जिनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं थे, लेकिन दोनों की कुछ ही महीनों में मृत्यु हो गई.

पिछले महीने के ट्रांसप्लांट से जगी उम्मीदें
पिछले महीने मैस जनरल के सुअर किडनी ट्रांसप्लांट ने नई उम्मीदें जगाईं. मैस जनरल के डॉ ततसू कवाई (Tatsuo Kawai) ने कहा कि रिचर्ड 'रिक' स्लेमैन को शुरुआती अस्वीकृति के डर का अनुभव हुआ, लेकिन वह इस महीने की शुरुआत में घर जाने के लिए पर्याप्त रूप से स्वस्थ हो गए और ट्रांसप्लांट के पांच हफ्ते ह बाद भी उनका स्वास्थ्य ठीक है. हाल की बायोप्सी में कोई और समस्या नहीं दिखी.

एनवाईयू का केस था जटिल
पिसानो सुअर का अंग प्राप्त करने वाली पहली महिला हैं - और पिछले ज़ेनोट्रांसप्लांट प्रयोगों के विपरीत, उनका हार्ट और किडनी दोनों खराब हो गए थे. उन्हें कार्डियक अरेस्ट आ गया और एक्सपेरिमेंटल सर्जरी से पहले उन्हें होश में लाया गया. वह अपने पोते-पोतियों के साथ खेलने के लिए भी बहुत कमज़ोर हो गई थी.

एक खराब हार्ट ने उसे पारंपरिक किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अयोग्य बना दिया. लेकिन डायलिसिस के दौरान, वह हार्ट पंप, जिसे लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस या एलवीएडी कहा जाता है, के लिए भी योग्य नहीं रही थी.

डॉ मोंटगोमरी ने समझाया, 'यह एक भूलभुलैया में होने जैसा है और आपको कोई रास्ता नहीं मिल रहा है. फिर सर्जनों ने एक सुअर की किडनी के साथ एक हार्ट पंप को जोड़ने का फैसला किया.'

आठ दिन में दो सर्जरी
फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से इमरजेंसी परिमश्न के साथ, डॉ़ मोंटगोमरी ने यूनाइटेड थेरेप्यूटिक्स कॉर्प द्वारा जेनेटिकली इंजीनियर किए गए सुअर के एक अंग को चुना, ताकि इसकी कोशिकाएं एक विशेष शुगर न बनाए जो मानव शरीर के लिए अनजानी है और तत्काल ऑर्गन रिजेक्शन को ट्रिगर करती है.

इसके साथ ही डोनर सुअर की थाइमस ग्रंथि, (जो इम्युन सिस्टम को प्रशिक्षित करती है), दान की गई किडनी से इस उम्मीद में जुड़ी हुई थी कि यह पिसानो के शरीर को नए अंग को सहन करने में मदद करेगी.

सर्जनों ने 4 अप्रैल को पिसानो के हार्ट को ताकत देने के लिए LVAD ट्रांसप्लांट किया, और 12 अप्रैल को सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट की.

डॉ मोंटगोमरी ने कहा कि महिला पर इसके दीर्घकालिक परिणाम की भविष्यवाणी करने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन अब तक उसमें अंग अस्वीकृति का कोई संकेत नहीं दिखा है.

इस तरह के एक्सपेरिमेंट डॉक्टरों को बहुत कुछ सिखाते हैं लेकिन यह साबित करने के लिए सॉलिड सट्डी की जररुत होगी कि ज़ेनोट्रांसप्लांट वास्तव में काम करते हैं या नहीं. पिसानो और मास जनरल के किडनी प्राप्तकर्ता के साथ जो होता है उस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा.

(Photo-Symbolic)

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