यूएन के मानवाधिकार प्रमुख के कश्मीर पर दिए बयान पर भारत ने जताया क्षोभ
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यूएन के मानवाधिकार प्रमुख के कश्मीर पर दिए बयान पर भारत ने जताया क्षोभ

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैशलेट ने परिषद में अपने पहले संबोधन में कश्मीर का जिक्र किया था. 

(फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर क्षोभ जताया है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैशलेट ने परिषद में अपने पहले संबोधन में कश्मीर का जिक्र किया था. बैशलेट को जैद राद अल हुसैन के स्थान पर यूएनएचआरसी का प्रमुख नियुक्त किया गया है. उन्होंने सोमवार को अपने बयान में कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि मानवाधिकारों की स्थिति पर मानवाधिकार परिषद की हालिया रिपोर्ट पर कोई ठोस पहल नहीं की गई और न ही इस बात पर कोई खुली और गंभीर चर्चा हुई कि इसमें उठाए गए गंभीर मुद्दों को कैसे हल किया जा सकता है.’’ 

कश्मीर के लोगों के पास भी न्याय और गरिमा का अधिकार- मानवाधिकार उच्चायुक्त
उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर के लोगों के पास भी विश्व के अन्य लोगों के समान ही न्याय और गरिमा के साथ रहने का अधिकार है और हम अधिकारियों से उनका सम्मान करने का अनुरोध करते हैं. कार्यालय नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ जाने की अनुमति देने का अनुरोध करता रहा है और इस बीच वह अपनी निगरानी और रिपोर्टिंग जारी रखेगा.’’ जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत राजीव चंदर ने इस बयान पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि भारत इस मामले में यूएनएचआरसी में बेहद स्पष्ट रूप से अपना पक्ष रख चुका है. 

भारत इस मामले पर रख चुका है अपना पक्ष- भारतीय राजदूत 
उन्होंने कहा, ‘‘मैडम उच्चायुक्त इस बात से इनकार नहीं है कि इस निकाय समेत सबके लिए यह चुनौतीपूर्ण वक्त है. इसलिए यह जरूरी है कि मानवाधिकार के मुद्दों को राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए पारदर्शी तथा विश्वसनीय तरीके से रचनात्मक तरीके से हल किया जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के जम्मू कश्मीर राज्य का जिक्र किए जाने पर क्षोभ व्यक्त करते हैं. इस मामले में हमारी राय परिषद में बिल्कुल स्पष्ट कर दी गई है.’’ 

आतंकवाद है सबसे बड़ा खतरा- भारतीय राजदूत
चंदर ने मंगलवार को जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 39वें सत्र में कहा कि आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है और यह मानवाधिकारों का सर्वाधिक उल्लंघन करता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि बैशलेट आने वाले वर्षों में इस मुद्दे को अधिक प्रमुखता से उठाएंगी. वहीं, जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के लिए पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि फारूक अमील ने भी अपने बयान में कश्मीर का मुद्दा उठाया. 

(इनपुट भाषा से)

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