भारत ने UN के शांति अभियानों में पारदर्शिता की कमी पर निराशा जताई
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भारत ने UN के शांति अभियानों में पारदर्शिता की कमी पर निराशा जताई

 भारत ने शांति रक्षा जनादेशों की रूपरेखा तैयार करने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की जवाबदेही एवं पारदर्शिता की कमी पर गहरी निराशा जताते हुए कहा है कि इस वैश्विक संस्था की ‘असफलता’ के कारण शांतिरक्षकों एवं नागरिकों के हताहत होने की घटनाएं बढ़ी हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने महासभा में शांतिरक्षा अभियानों पर सोमवार को आयोजित एक बहस में कहा, ‘सुरक्षा परिषद जिस अपारदर्शी तरीके से और बिना किसी जवाबदेही के शांति अभियानों के आदेश देती है, हम उससे निराश हैं।’ 

संयुक्त राष्ट्र:  भारत ने शांति रक्षा जनादेशों की रूपरेखा तैयार करने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की जवाबदेही एवं पारदर्शिता की कमी पर गहरी निराशा जताते हुए कहा है कि इस वैश्विक संस्था की ‘असफलता’ के कारण शांतिरक्षकों एवं नागरिकों के हताहत होने की घटनाएं बढ़ी हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने महासभा में शांतिरक्षा अभियानों पर सोमवार को आयोजित एक बहस में कहा, ‘सुरक्षा परिषद जिस अपारदर्शी तरीके से और बिना किसी जवाबदेही के शांति अभियानों के आदेश देती है, हम उससे निराश हैं।’ 

 

मुखर्जी ने कहा कि ‘इस असफलता’ की मानवीय कीमत संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों के साथ साथ नागरिकों के हताहत होने की बढ़ती संख्या से स्पष्ट है। संघर्षों के कारण छह करोड़ आम नागरिकों का जीवन प्रभावित हुआ है। इन संघर्षों को सुलझाने में एक ‘प्रभावहीन सुरक्षा परिषद असमर्थ है।’  उन्होंने महासभा के मौजूदा 70वें सत्र में सुरक्षा परिषद में शीघ्र सुधारों को प्राथमिकता बनाए जाने की अपील की ताकि ‘इन लाखों आम पुरूषों, महिलाओं और बच्चों को उम्मीद मिल सके।’ 

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