भारत, मलेशिया ने आतंकवाद से लड़ने, रक्षा संबंधों को बढ़ाने का लिया संकल्प
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भारत, मलेशिया ने आतंकवाद से लड़ने, रक्षा संबंधों को बढ़ाने का लिया संकल्प

भारत और मलेशिया ने आतंकवाद से लड़ने का संकल्प लेते हुए आज निर्णय किया कि वे सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों में अपने सामरिक रिश्तों का स्तर और बढायेंगे तथा सभी देशों से कहा कि वे आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में खड़ा करें। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत के बाद मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विभिन्न देशों में हाल में हुए आतंकी हमलों के साथ ही भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ हो रहे लगातार आतंकी प्रयास हमें इस खतरे के वैश्विक स्वरूप की ओर ध्यान दिलाते हैं।

पुत्राजया : भारत और मलेशिया ने आतंकवाद से लड़ने का संकल्प लेते हुए आज निर्णय किया कि वे सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों में अपने सामरिक रिश्तों का स्तर और बढायेंगे तथा सभी देशों से कहा कि वे आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में खड़ा करें। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत के बाद मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विभिन्न देशों में हाल में हुए आतंकी हमलों के साथ ही भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ हो रहे लगातार आतंकी प्रयास हमें इस खतरे के वैश्विक स्वरूप की ओर ध्यान दिलाते हैं।

उग्रवाद और कट्टरपंथ से लड़ने, आतंकवाद से धर्म के किसी जुड़ाव को अस्वीकार करने और ‘इस्लाम के असली मूल्यों’ को उजागर करने में अपने मलेशियाई समकक्ष नजीब रज्जाक के योगदान की मोदी ने सराहना की। दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने आतंकवाद के सभी स्वरूपों की कड़ी निंदा की और सभी देशों का आह्वान किया कि वे आतंकवाद को खारिज करें और आतंकियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करें। इस संदर्भ में दोनों नेताओं ने आतंकवाद के विरूद्ध दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग का स्वागत किया और इस दिशा में और अधिक तालमेल के साथ काम करने पर सहमत हुए।

मलेशिया और भारत आतंकवाद और अन्य पारंपरिक एवं अपारंपरिक खतरों से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सूचनाओं का आदान प्रदान करने और इस बारे में सर्वश्रेष्ठ उपायों को अपनाने पर सहमत हुए। मोदी और नजीब ने बहुसंस्कृतिवाद के महत्व को प्रोत्साहित करने को रेखांकित किया और लोकतंत्र, बहुलतावाद और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उग्रवाद और कट्टरवाद से लड़ने के नजीब के नेतृत्व की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि यह एक महान योगदान है और इस चुनौती के खिलाफ वैश्विक प्रयासों का एक महत्वपूर्ण पहलू है। मोदी ने आतंकवाद को ‘दुनिया का सबसे बड़ा खतरा’ बताते हुए कल कहा था कि आतंकवाद से धर्म को नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग के संदर्भ में मोदी ने कहा कि दोनों देश इसे और अधिक मजबूत बनायेंगे तथा क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और आपदा प्रतिक्रिया व्यवस्था को मजबूत करेंगे। मोदी ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि हम सुखोई 30 विमानों के लिए अपने पायलटों के संयुक्त अभ्यास का उन्नय करने और एसयू-30 फोरम गठित करने पर सहमत हुए हैं। हम प्रशिक्षण और रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में अपने सहयोग को और बढ़ायेंगे। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग का हमारा समझौता बहुत महत्वपूर्ण है। जिस तरह हमारा जीवन नेटवर्क से अधिक से अधिक जुड़ता जा रहा है, यह हमारे युग की सबसे गंभीर चिंताओं में से एक के रूप में उभर रहा है।

भारत और मलेशिया ने साइबर सुरक्षा और परियोजना निष्पादन संबंधी दो सहमति पत्रों तथा 2015 से 2020 तक के लिए सांस्कृति कार्यक्रमों के आदान प्रदान के समझौते पर हस्ताक्षर किये। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को और महत्वपूर्ण उंचाइयों तक ले जाने के मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब के विश्वास को साझा करते हैं। संयुक्त बयान में कहा गया कि राजनीतिक विचार विमशरे को और बढ़ाने पर दोनों नेता सहमत हुए तथा नियमित अंतराल पर शिखर बैठकें करने और बहुपक्षीय आयोजनों के समय भी अलग से द्विपक्षीय बातचीत करने को राजी हुए। दोनों पक्ष रक्षा क्षेत्र में विभिन्न स्तरों पर नियमित वार्ता और आदान प्रदान करने पर सहमत हुए जिसमें रक्षा मंत्रियों, वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों, सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों और सैन्यकर्मियों के स्तर पर वार्ताएं शामिल हैं। अपने आर्थिक मेलजोल, द्विपक्षीय कारोबार एवं निवेश संबंधों को और मजबूत बनाने की दोनों पक्षों ने प्रतिबद्धता दोहरायी।

द्विपक्षीय सामरिक साझेदारी को नये स्तर पर ले जाने का विश्वास व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा, हमारा इरादा हमारे द्विपक्षीय समझौतों और भारत आसियान समझौतों की पूरी क्षमता को पाना है। हम क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते को शीघ्र अंतिम रूप दिये जाने को लेकर आशान्वित हैं।  दोनों पक्ष आधारभूत एवं निर्माण क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं और गठजोड़ को प्रोत्साहित करने पर सहमत हुए। मोदी ने कहा, हमने एक विविधतापूर्ण आर्थिक साझेदारी स्थापित की है। हम एक ही नौवहन मार्ग पर स्थित हैं। आधारभूत संरचना क्षेत्र में मलेशिया की क्षमता से सभी परिचित हैं और मलेशिया ने सड़क क्षेत्र समेत भारत में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आधारभूत संरचना, मेक इन इंडिया और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के उन्नयन और विस्तार जैसे क्षेत्रों में मलेशिया की वृहद हिस्सेदारी देखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, मलेशिया में भारतीय कंपनियों की मजबूत उपस्थिति है। इरकान रेल आधारभूत संरचना के क्षेत्र में योगदान कर रहा है। हम मलेशियाई अर्थव्यवस्था में भारत की मौजूदगी के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि वह और उनके मलेशियाई समकक्ष ठोस और शीघ्र परिणाम पाने के कदमों को उठाने को प्रतिबद्ध हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि हम अपने लोक प्रशासन और शासन के क्षेत्र में शानदार सहयोग कर रहे हैं। मैंने व्यक्तिगत तौर पर पीईएमएएनडीयू के साथ चर्चा की है और मुझे खुशी है कि हमारा नीति आयोग उनके साथ काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश सांस्कृतिक और जनता से जनता के स्तर पर संबंधों को विशेष महत्व देंगे।

भारत और मलेशिया ने साइबर सुरक्षा, संस्कृति और लोक प्रशासन के संबंध में सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर भी किए। मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब ने कहा कि सरकार से सरकार के स्तर पर अनुबंध के तहत नयी दिल्ली में एक नया कन्वेंशन सेंटर निर्मित किया जायेगा।

उन्होंने मलेशिया के छात्रों को अध्ययन करने के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया, साथ ही एक दूसरे की डिग्रियों को मान्यता प्रदान करने संबंधी समझौते को जल्द पूरा करने का आग्रह किया। मलेशिया में भारत की शीर्ष शैक्षणिक संस्थाओं की कई डिग्रियों को मान्यता नहीं दी गई है। इस पर नजीब ने कहा, इस मुद्दे पर चर्चा के लिए हम तत्काल कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा, मुझे आयुर्वेद एवं सिद्ध समेत पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में अपने बढ़ते शानदार सहयोग पर काफी प्रसन्नता है।

ब्रिक्सफील्ड में ‘लिटल इंडिया’ के प्रवेश पर ‘तोरण गेट’ के उद्घाटन की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा, यह भारत की ओर से तोहफा है और प्रधानमंत्री नजीब के प्रति स्नेह दर्शाता है। यह समय के दायरे से परे हमारे संबंधों और हमारे लोगों की मित्रता का प्रतीक होगा। दो मलेशियाई विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि लगातार दो हवाई दुर्घटनाओं से किसी भी राष्ट्र के मनोबल को धक्का लग सकता है लेकिन इस परिस्थिति में प्रधानमंत्री नजीब के नेतृत्व और संकल्प तथा मलेशिया के लोगों की दृढ़ता की उन्होंने सराहना की। मोदी ने कहा कि दोनों देश क्षेत्र में अपनी दृष्टि और आगे बढ़ने की पहल में साथ है और क्षेत्रीय मंचों पर साथ काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, इसलिए इतने समृद्ध संबंधों के बीच मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि हमने शिखर बैठक के स्तर, मंत्रिस्तरीय चर्चा और आधिकारिक बैठकों को और नियमित बनाने पर सहमति व्यक्त की है। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम अपनी साझेदारी को गति प्रदान करने के लिए नये उत्साह के साथ काम करेंगे। नजीब ने अपने बयान में कहा कि दोनों पक्ष रक्षा क्षेत्र में सहयोग करना चाहते हैं और इस क्षेत्र में संयुक्त उत्पादन पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में साझा रूख रखते हैं।

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