मधुमेह का इलाज खोजने के लिए भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक को मिला 30 लाख डॉलर का अनुदान
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मधुमेह का इलाज खोजने के लिए भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक को मिला 30 लाख डॉलर का अनुदान

भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक को रक्त में शर्करा का स्तर कम करने में सक्षम विषाणुओं का उपयोग कर मधुमेह के उपचार पर काम करने के लिए 30 लाख डॉलर का अनुदान मिला है। यह अनुसंधान मानव शरीर में पाये जाने वाले ‘एडिनोवायरस 36’ पर आधारित है। यह विषाणु मानव और अन्य प्राणियों में मोटापे का कारक होता है लेकिन साथ ही रक्त में शर्करा के स्तर को भी घटाता है।

ह्यूस्टन : भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक को रक्त में शर्करा का स्तर कम करने में सक्षम विषाणुओं का उपयोग कर मधुमेह के उपचार पर काम करने के लिए 30 लाख डॉलर का अनुदान मिला है। यह अनुसंधान मानव शरीर में पाये जाने वाले ‘एडिनोवायरस 36’ पर आधारित है। यह विषाणु मानव और अन्य प्राणियों में मोटापे का कारक होता है लेकिन साथ ही रक्त में शर्करा के स्तर को भी घटाता है।

टेक्सास टेक में डिपार्टमेंट ऑफ न्यूट्रिशनल साइंसेज के अध्यक्ष और प्रोफेसर डॉक्टर निखिल धुरंधर ने कहा, यह थोड़ा विरोधाभासी है, क्योंकि आपके पास ऐसा तत्व है जो प्राणियों को मोटा बनाता है, इसलिए आप आशा करते हैं कि उनके शर्करा का स्तर कम होगा। धुरंधर को ‘वाइटल हेल्थ इंटरवेंशंस’ से करीब 30 लाख डॉलर का अनुदान मिला है। धुरंधर ने कहा कि विषाणु से मोटापा बढ़ने के कारणों पर अध्ययन करते हुए उन्होंने वषरें पहले इस प्रवृत्ति को देखा।

धुरंधर ने रक्त में शर्करा का स्तर घटने के लिए जिम्मेदार विषाणु से प्रोटीन को अलग करके मधुमेह कोशिकाओं और प्राणियों पर उसका परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि प्रोटीन से मधुमेह कम हो रहा है। अब इस दिशा में धुरंधर के लिए अगला कदम इस प्रोटीन के प्रभावों का मानव शरीर पर अध्ययन करना है।

 

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