अमेरिका में चीनी दूतावास सामने प्रदर्शन, लगे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ नारे
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अमेरिका में चीनी दूतावास सामने प्रदर्शन, लगे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ नारे

मनोज श्रीनिलायम ने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से निपटने में जूझ रही है तब चीन अपनी विस्तारवादी चालें चलते हुए लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है. चीन में पैदा हुए वायरस से दुनियाभर में लाखों लोग मारे गए हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है.

वॉशिंगटन में चीनी दूतावास के सामने भारतीय मूल के अमेरिकियों ने प्रदर्शन किया | फोटो साभार: ANI

वॉशिंगटन: चीन (China) की विस्तारवादी नीतियों का विरोध दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है. अमेरिका (USA) की राजधानी वॉशिंगटन में चीनी दूतावास के सामने भारतीय मूल के अमेरिकियों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी अपने हाथों में प्ले कार्ड लिए हुए थे, जिन पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ नारे लिखे हुए थे. प्रदर्शनकारियों ने भारत में एलएसी पर की जा रही चीनी आक्रामकता को तुरंत बंद करने की मांग की.

चीन के खिलाफ प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भारतीय समुदाय के नेता मनोज श्रीनिलायम ने कहा कि हम भारत में चीन की ओर से दिखाई जा रही आक्रामकता की कड़ी निंदा करते हैं. जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से निपटने में जूझ रही है तब चीन अपनी विस्तारवादी चालें चलते हुए लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है. चीन में पैदा हुए वायरस से दुनियाभर में लाखों लोग मारे गए हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है.

प्रदर्शन में शामिल एक्टिविस्ट महिंद्रा सापा ने कहा कि पिछले कई दशकों से चीन लगातार भारत और दूसरे छोटे देशों पर धौंस दिखाने में लगा है. दक्षिण चीन सागर में तो उसने ताकत के बल पर काफी इलाका कब्जा लिया है और पड़ोसी देशों के कई द्वीप अपने अधिकार में कर लिए हैं. उसने गलवान घाटी में धोखे से हमला करके भारत के 20 जवानों को शहीद कर दिया. हम यहां लोगों को चीन की नीतियों पर जागरूक करने के लिए इकट्ठा हुए हैं. हम चाहते हैं कि दुनिया के नेता चीन को आर्थिक रूप से आइसोलेट करने पर विचार करें.

चीनी दूतावास पर हुए इस प्रदर्शन में अमेरिका में रह रहे भारतवंशियों के विभिन्न तबके के लोग एकजुट हुए. मैरीलैंड, वर्जीनिया और वॉशिंगटन डीसी से केरल एसोसिएशन, दुर्गा टेंपल फ्रेंड्स, तमिल कल्चरल ग्रुप, इंडियन कल्चरल एसोसिएशन, विश्व हिंदू परिषद अमेरिका और नेशनल काउंसिल ऑफ एशियन इंडियन एसोसिएशन के सदस्य प्रदर्शन में शामिल होने के लिए चीनी दूतावास पर पहुंचे.

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इस प्रदर्शन में भाग लेने के लिए अपोज चाइनीज अग्रेसन (OCI) ग्रुप-23 संगठन ने भी अपने सदस्यों को वॉशिंगटन डीसी भेजा. इस ग्रुप का गठन कुछ समय पहले न्यूयार्क में रहने वाले भारतवंशी प्रेम भंडारी ने किया था. इस ग्रुप में उन 23 देशों के लोगों को शामिल किया गया है जिनका चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद चल रहा है. इस ग्रुप ने पिछले सप्ताह चीनी साम्राज्यवाद पर एक वेबिनार का भी आयोजन किया था. जिसमें भारत के पूर्व राजदूत गौतम बंबावले और सेबी के पूर्व चेयरमैन डी. आर. मेहता ने भाग लिया था. प्रदर्शन में शामिल हुए  OCI ग्रुप-23 के सदस्य संजय पटेल ने कहा कि हम यहां पर चीनी विस्तारवाद का विरोध करने आए हैं. जो पिछले कई सालों से भारत और दूसरे पड़ोसी देशों में करने की कोशिश कर रहा है.

 बता दें कि वॉशिंगटन से पहले भी अमेरिका के कई शहरों में भारतवंशी चीन के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं. इस तरह का पहला प्रदर्शन शिकागो के न्यूयार्क टाइम्स चौराहे पर आयोजित हुआ था. जिसे अमेरिका में बसे भारतीय अमेरिकी डॉक्टर भारत बराय ने लीड किया था. इस प्रदर्शन में भारतीयों के साथ तिब्बती भी चीन के खिलाफ एकजुट हुए थे और चीन के खिलाफ नारेबाजी करके उसकी विस्तारवादी नीतियों पर रोक की मांग की थी.

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