अमेरिका में भारतीय मूल के सीआईओ को एक लेख लिखने के कारण नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है
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नई दिल्लीः अमेरिका में भारतीय मूल के सीआईओ को एक लेख लिखने के कारण नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस भारतीय मूल के सीईओ ने चार्ल्सट्सविल में हिंसा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आर्थिक एजेंडे का बचाव नहीं किया था. आपको बता दें कि चार्ल्सट्सविल में हुई हिंसा में श्वेत समर्थकों ने विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ मारपीट की थी.
इसके बाद गांधी के इमेल और ट्विटर पर नस्लीय हमलों की बाढ़ सी आ गई. रवीन गांधी ने यूट्यूब पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें उसे नस्लीय टिप्पणी के साथ-साथ भारत में वापस लौट जाने को लेकर भी भद्दी बातें कही गई हैं. इस वीडियो में रवीन ने एक ऑडियो भी लगाया है जिसमें एक महिला रवीन को “You’re a f****** Indian pig. भी कहती सुनाई दे रही है.
इसी फेहरिस्त में ट्रंप के कथित समर्थकों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि 'अपना कचरा उठाओ और भारत वापस लौट जाओ, अपने कचरे को वहां जाकर बेचो'
ऑडियो में महिला ने ये कहा कि भारतीय मूल की अमेरिकी नीकी हेली जो कि यूएन में अमेरिकी राजदूत है, वो “Bangladesh creep” है. महिला ने यह भी कहा कि वह लोग बुद्ध की प्रतिमाओं को नीचे गिराना शुरू कर देंगे. इस ऑडियो में 7000 से ज्यादा बार सुना गया, महिला के हमले का जवाब देते हुए एक यूजर कहता है कि भारत एक बौद्ध बहुसंख्यक देश नहीं रहा है, उसने यह भी कहा कि ये नस्लवादी लोग इतने अज्ञानी क्यों हैं "
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शिकागो ट्रिब्यून ने जब रवीन गांधी से पूछा कि उन्होंने ऑडियो ऑनलाइन क्यों पोस्ट किया. तो उनका जवाब था "भले ही मेरी नस्ल का मेरी रोजमर्रा की जिंदगी पर कोई असर नहीं होता है, लेकिन दुख की बात यह है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में नस्लवादियों का एक समूह है जो मुझे एक दोयम दर्जे के आदमी के रूप में देखता है."
(नोटः रवीन गांधी द्वारा जारी किए गए इस वीडियो में दिखाए गए दृ्श्य और भाषा से हम सहमत नहीं है)
A woman told this CEO to 'go back to India' after he spoke out against Donald Trump pic.twitter.com/fUQOXfhxpx
— NowThis (@nowthisnews) August 23, 2017
जीएमएम नॉनस्टिक कोटिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), रवीन गांधी ने सीएनबीसी के लिए लिखा था, कि उन्होंने हाल ही में ट्रम्प के आर्थिक एजेंडे के कुछ पहलुओं के लिए न्यू यॉर्क टाइम्स को बताया था.
गांधी ने चार्ल्सट्सविल में हुई हिंसा और उसके प्रभावों को देखते हुए कहा था कि "मैं बाजार के 50 हजार तक पहुंचने और बेजरोजगारी का स्तर 1 प्रतिशत तक आ जाने के साथ ही जीडीपी के 7 प्रतिशत हो जाने पर भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन नहीं करूंगा. कुछ मुद्दे अर्थव्यवस्था से भी बढ़कर होते है और मैं अपनी अंतर्रात्मा की आवाज पर ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं कर सकता हूं जो ऐसे अमेरिकियों से नफरत करता हो जो उसके जैसे (श्वेत) नहीं दिखते हों."