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नई दिल्ली/इस्लामाबाद : पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को पाक के संघीय प्रांत में मिलाने की कोशिश को लेकर इस्लामाबाद के सामने कड़ा विरोध जताया है और इसको लेकर चेतावनी भी दी है। गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के अधीन ही यह विवादित क्षेत्र आता है और अब इसके एक प्रांत बनाने को लेकर विरोध किया गया।
देश के अग्रणी अखबार दी एक्सप्रेस ट्रिब्यून, डॉन और दी न्यूज के हवाले से यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई है कि 'आजाद जम्मू एंड कश्मीर' की सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के लिए प्रांतीय दर्जा को लेकर कड़ा विरोध जताया है। इसमें कहा गया कि यह 'कश्मीर मसले' के लिए उचित नहीं होगा। गौर हो कि कुछ माह पहले पीओके यानी गिलगित-बाल्टिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है।
ट्रिब्यून के अनुसार, पीओके सरकार के ट्रेजरी मेंबर्स ने एसेंबली में शनिवार को गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के प्रस्तावित दर्जे के खिलाफ एक प्रस्ताव रखा गया। इस बात की संभावना है कि एसेंबली के सदस्य 12 जनवरी को इस पर चर्चा करें।
पीओके में पुनर्वास मंत्री अब्दुल माजिद खान के हवाले से टी ट्रिब्यून ने कहा है कि गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को पाकिस्तान का पांचवां प्रांत बनाने से कश्मीर मसले के उद्देश्य में सेंध लगेगा और इस पर असर पड़ेगा। अखबार ने खान के हवाले से यह भी लिखा है कि गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को प्रांतीय दर्जा मिलने से जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों के हितों की पूर्ति होगी और इसलिए यह उल्टा साबित होगा।
वहीं, एजेके के एक और मंत्री चौधरी लतीफ अख्तर ने कहा है कि गिलगित-बाल्टिस्तान जम्मू और कश्मीर राज्य का अभिन्न हिस्सा है। पाकिस्तान में इसे मिलाने की कोई भी कोशिश कश्मीर और कश्मीरी को लेकर यूएन प्रस्तावों पर हमारे स्टैंड को धक्का पहुंचाएगा। हम किसी कीमत पर कश्मीर के विभाजन की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को गिलगित-बाल्टिस्तान का प्रशासनिक नियंत्रण अस्थाई आधार पर दिया गया है और फेडरल सरकार को यह सलाह दी जाती है कि इससे परे नहीं सोचें। उन्होंने पाक सरकार से गिलगित-बाल्टिस्तान को वही अधिकार दिए जाने की अपील की, जो एजेके और अन्य प्रांतों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि पाक सरकार देश के खिलाफ साजिश कर रही है और इसे यूनाइटेड नहीं देखना चाहती है।
इसे पाकिस्तान में मिलाने की कोशिश से ही कश्मीर की आजादी के मिशन को झटका लग सकता है और संयुक्त राष्ट्र में कश्मीरियों के आत्मनिर्णय का प्रस्ताव भी खारिज हो सकता है। इससे पहले कश्मीरी नेता भी गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान के पांचवें प्रांत में बदलने की खबरों पर चिंता जता चुके हैं।
वहीं, इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के संवैधानिक दर्जें को कहीं बदल न दिया जाए, जो ऐतिहासिक रूप से भारत द्वारा दावा किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वाकया उस सामने आया, जब बीजिंग विवादित क्षेत्र से होकर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के एक सेक्शन के निर्माण को लेकर गंभीर है।