इस्लामिक स्टेट ने दावा किया है कि बांग्लादेश में भारत की सीमा से सटे एक मंदिर में बंदूक और चाकू का इस्तेमाल करके एक हिंदू पुजारी की नृशंस हत्या हिंदुओं के खिलाफ इस खूंखार संगठन का पहला हमला है। उत्तरी पंचागढ़ जिले के देवीगंज उपजिला में हुए इस हमले में दो श्रद्धालु भी घायल हो गये थे। घटना पर टिप्पणी करते हुए बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इस्लामिक स्टेट हिंदुओं को बांग्लादेश में नहीं रहने देना चाहता।
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ढाका : इस्लामिक स्टेट ने दावा किया है कि बांग्लादेश में भारत की सीमा से सटे एक मंदिर में बंदूक और चाकू का इस्तेमाल करके एक हिंदू पुजारी की नृशंस हत्या हिंदुओं के खिलाफ इस खूंखार संगठन का पहला हमला है। उत्तरी पंचागढ़ जिले के देवीगंज उपजिला में हुए इस हमले में दो श्रद्धालु भी घायल हो गये थे। घटना पर टिप्पणी करते हुए बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इस्लामिक स्टेट हिंदुओं को बांग्लादेश में नहीं रहने देना चाहता।
रविवार को सोनापोता गांव में 50 वर्षीय जनेश्वर रॉय की हत्या के तरीके के बारे में अमेरिका स्थित निजी साइट इंटेलिजेंस ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है। ऑनलाइन जिहादी गतिविधियों पर नजर रखने वाले समूह ने कहा कि आईएस से जुड़े अमाक न्यूज एजेंसी की एक विज्ञप्ति में आईएसआईएस ने जिम्मेदारी का दावा किया है। दावे की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं की जा सकती है। रॉय ने वर्ष 1998 में इस मंदिर की स्थापना की थी और तब से इसके प्रमुख और मुख्य पुजारी के तौर पर काम कर रहे थे।
हिंदू पुजारी पर हमले का यह पहला और पिछले छह माह में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले का यह पांचवां मामला है जिसमें संदिग्ध इस्लामी आतंकवादियों द्वारा शिया मुसलमानों और उदार सूफी प्रचारकों पर किये गये हमलों की घटनाएं शामिल हैं। हालांकि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शुरुआती जांच में यह बात निकल कर सामने आई है कि प्रतिबंधित जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश और दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी का संबंध इस हत्या से हो सकता है।