उत्तर कोरिया को जापान-अमेरिका ने दिखाई ताकत, शुरू किया संयुक्त नौसैन्य अभ्यास
Advertisement

उत्तर कोरिया को जापान-अमेरिका ने दिखाई ताकत, शुरू किया संयुक्त नौसैन्य अभ्यास

हाल के महीनों में अपने परमाणु और मिसाइल परीक्षणों से क्षेत्र में तनाव पैदा करने वाला उत्तर कोरिया आक्रमण के लिए ऐसे सैन्य अभ्यासों की निंदा करता रहा है और कई बार वह इसके जबाव में अपना सैन्य अभ्यास भी करता है.

संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान जापान और अमेरिका. (US7thFleet/Twitter/16 Nov, 2017)

टोक्यो: जापान और अमेरिका ने उत्तर कोरिया को अपनी ताकत दिखाने के लिए गुरुवार (16 नवंबर) को संयुक्त नौसैन्य अभ्यास शुरू किया. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हाल की एशिया यात्रा में उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षा का मुद्दा छाया रहा. अमेरिकी नौसेना ने एक बयान में कहा कि 10 दिन चलने वाले इस अभ्यास में करीब 14,000 अमेरिकी सैनिक, विमान वाहक अमेरिकी जहाज रोनाल्ड रीगन और मिसाइल विध्वंसक शामिल होंगे और ये दक्षिण जापान में ओकिनावा के आसपास के समुद्र में तैनात होंगे.

  1. यह अभ्यास 10 दिन तक चलेगा.
  2. इस अभ्यास में करीब 14,000 अमेरिकी सैनिक हिस्सा लेंगे.
  3. ट्रंप और किम में लंबे समय से विवाद चल रहा है.

हाल के महीनों में अपने परमाणु और मिसाइल परीक्षणों से क्षेत्र में तनाव पैदा करने वाला उत्तर कोरिया आक्रमण के लिए ऐसे सैन्य अभ्यासों की निंदा करता रहा है और कई बार वह इसके जबाव में अपना सैन्य अभ्यास भी करता है. बयान में कहा गया है कि इस वार्षिक अभ्यास का मकसद हवा और समुद्री अभियान में प्रशिक्षण के जरिए जापान और अमेरिकी सेनाओं के बीच अपनी रक्षा के लिए तत्पर कार्रवाई की क्षमता को बढ़ाना है. इससे पहले अमेरिकी विमान वाहक पोतों ने पश्चिमी प्रशांत महासागर में संयुक्त अभ्यास किया. इस अभ्यास में जापानी सेना और दक्षिण कोरियाई युद्धपोतों ने भी भाग लिया.

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, उत्तर कोरिया की 'फंतासियों' ने एशिया-प्रशांत को बंधक बनाया

इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (10 नवंबर) को कहा था कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की परमाणु महत्वाकांक्षा और ‘‘फंतासियों’’ ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को बंधक बना दिया था. उन्होंने देशों का आह्वान किया कि उन्हें प्योंगयांग के खिलाफ एकजुट होना चाहिये. उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम में कटौती के लिये क्षेत्रीय समर्थन जुटाने के उद्देश्य से ट्रंप एशियाई देशों की यात्रा पर हैं और उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिये समय तेजी से खत्म हो रहा है.

ट्रंप ने वियतनाम में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के दौरान कहा, ‘‘इस क्षेत्र और इसके खूबसूरत लोगों के भविष्य को किसी तानाशाह की हिंसक विजय एवं परमाणु ब्लैकमेल की फंतासियों का बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को आवश्यक रूप से उत्तर कोरिया द्वारा ज्यादा हथियारों की दिशा में उठाया गया कोई भी कदम ज्यादा खतरे की तरफ लेकर जायेगा जिसके खिलाफ हमें साथ खड़े होना होगा.

अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि उत्तर कोरिया पर चीन का आर्थिक प्रभाव प्योंगयांग के परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रम को रुकवाने में अहम हो सकता है. राष्ट्रपति ट्रंप गुरुवार (9 नवंबर) को बीजिंग में थे और उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफिंग से अपनी मुलाकात के दौरान चीन से उत्तर कोरिया पर ‘‘जल्द कार्रवाई’’ का आह्वान किया.

(इनपुट एजेंसी से भी)

Trending news