शम्सुर रहमान और झुम्पा लाहिड़ी डीएससी अवॉर्ड के लिए चयनित
Advertisement

शम्सुर रहमान और झुम्पा लाहिड़ी डीएससी अवॉर्ड के लिए चयनित

भारतीय लेखक और समालोचक शम्सुर रहमान फारूकी और भारतीय-अमेरिकी लेखिका झुम्पा लाहिड़ी उन पांच लेखकों में से हैं जिन्हें अगले साल के 50,000 अमेरिकी डॉलर वाले डीएससी दक्षिण एशियाई साहित्यिक पुरस्कार के लिए संक्षिप्त सूची में शामिल किया गया है। 2015 की संक्षिप्त सूची का ऐलान यहां कल देर रात किया गया।

शम्सुर रहमान और झुम्पा लाहिड़ी डीएससी अवॉर्ड के लिए चयनित

लंदन : भारतीय लेखक और समालोचक शम्सुर रहमान फारूकी और भारतीय-अमेरिकी लेखिका झुम्पा लाहिड़ी उन पांच लेखकों में से हैं जिन्हें अगले साल के 50,000 अमेरिकी डॉलर वाले डीएससी दक्षिण एशियाई साहित्यिक पुरस्कार के लिए संक्षिप्त सूची में शामिल किया गया है। 2015 की संक्षिप्त सूची का ऐलान यहां कल देर रात किया गया।

लाहिड़ी का उपन्यास ‘द लोलैंड’ दो भाइयों और उनके राजनीतिक जुनून की कहानी है। इसे पहले 2013 में ‘मैन बुकर’ पुरस्कार के लिए भी संक्षिप्त सूची में शामिल किया गया था। उनका पहला लघु कहानी संग्रह ‘इटरप्रेटर ऑफ मैलाडीस’ ने फिक्शन (कल्पना) के लिए 2000 पुलित्जर पुरस्कार जीता था।

कवि, उपन्यासकार और समालोचक फारूकी को संक्षिप्त सूची में उनके उपन्यास ‘द मिरर ऑफ ब्यूटी’ के लिए शामिल किया गया है, जिसका उन्होंने उर्दू से तजरुमा किया था और यह मुगल साम्राज्य के पतन को बताता है। पाकिस्तानी लेखक बिलाल तनवीर को उनकी पहली पुस्तक ‘द स्कैटर हेयर इज़ टू ग्रेट’ के लिए संक्षिप्त सूची में शामिल किया गया है, जिसने इस साल का शक्ति भट्ट फर्स्ट बुक प्राइज जीता है।

कामिला शम्सी भी पाकिस्तानी है और उन्हें ‘ए गॉड इन एवरी स्टोन’ के लिए नामित किया गया है, जबकि श्रीलंकाई मूल के लंदन आधारित लेखक रोमेश गुनेसेकरा की ‘नूनटाइड’ भी नामित हुई है। पांच सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय जूरी के अध्यक्ष केकी दारूवाला ने कहा, ‘ज्यादातर उपन्यास जमनी स्तर पर सामाजिक राजनीति असलियत को दिखाते हैं। सभी ने इस तरीके से किया जो प्रभावशाली, चुनौतीपूर्ण और विचार उत्प्रेरक था।’ पुरस्कार के विजेता का एलान जयपुर साहित्य महोत्सव में किया जाना है।

Trending news