25 मई को समाप्त होने के एक दिन बाद ही उत्तर कोरियाई नेता ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई इन से मुलाकात कर सबको चौंका दिया.
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सोल: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच 12 जून को सिंगापुर में होने वाली ऐतिहासिक शिखर वार्ता से पहले दोनों कोरियाई देशों ने उच्च स्तरीय वार्ता की. उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच यह वार्ता इस माह की शुरुआत में होनी थी, लेकिन अमेरिका-दक्षिण कोरिया के वायु सेना अभ्यासों से नाराज उत्तर कोरिया ने वार्ता रद्द कर दी थी.
‘‘मैक्स थंडर’’ (अमेरिका-दक्षिण कोरियाई सैन्य अभ्यास) के 25 मई को समाप्त होने के एक दिन बाद ही उत्तर कोरियाई नेता ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई इन से मुलाकात कर सबको चौंका दिया. दोनों नेताओं के बीच असैन्यीकृत क्षेत्र में हुई यह दूसरी मुलाकात थी. पहली ऐतिहासिक मुलाकात दोनों के बीच अप्रैल में हुई थी.
दक्षिण के एकीकरण मंत्री चो मांग ग्युन ने वार्ता से पहले पर कहा था, ‘‘हम दोनों नेताओं द्वारा किए समझौते के शीघ्र एवं सुचारू रूप से क्रियान्वयन पर चर्चा करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ‘‘अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनाने का प्रयास भी किया जाएगा.’’
किम को मजबूत नेतृत्व दर्शाते हुए इस अवसर का लाभ उठाना होगा : पोम्पिओ
वहीं दूसरी ओर डोनाल्ड टूंप और किम - जोंग उन के बीच होने वाली शिखर बैठक की तैयारियों के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का कहना है कि उत्तर कोरिया के शासक को ‘‘मजबूत नेतृत्व’’ का परिचय देते हुए ‘‘इस दुर्लभ अवसर का लाभ उठाना चाहिए.’’
उनका कहना है कि दोनों देशों के संबंधों में यह महत्वपूर्ण मोड़ है ‘‘ऐसे में इस अवसर को यूं ही जाने देना किसी हादसे से कम नहीं होगा.’’ पोम्पिओ ने कल संवाददाताओं से कहा, प्रस्तावित सम्मेलन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को अमेरिका और कोरिया का मजबूती से नेतृत्व करते हुए शांति, समृद्धि और सुरक्षा के नये युग में प्रवेश करने का ऐतिहासिक अवसर प्रदान करता है.
पोम्पिओ के साथ बातचीत के लिए न्यूयॉर्क में मौजूद उत्तर कोरिया के राजदूत किम योंग चोल व्हाइट हाउस मे ट्रंप को अपने नेता किम जोंग उन का एक पत्र सौंपेंगे. यह पूछने पर कि क्या सम्मेलन का होना तय है, पोम्पिओ ने कहा, ‘‘मालूम नहीं. इसका जवाब नहीं मालूम.’’