श्रीलंकाई मीडिया ने PM को बर्खास्त करने को बताया 'संवैधानिक तख्तापलट'
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श्रीलंकाई मीडिया ने PM को बर्खास्त करने को बताया 'संवैधानिक तख्तापलट'

सिरिसेना और विक्रमसिंघे के बीच कई नीतिगत मामलों पर बढ़ते तनाव के बीच अचानक से यह राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है.

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना.(फाइल फोटो)

कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को हटाकर उनके स्थान पर शुक्रवार रात पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को नियुक्त करने के कदम को देश की मीडिया ने ‘संवैधानिक तख्तापलट’ बताया है. सिरिसेना और विक्रमसिंघे के बीच कई नीतिगत मामलों पर बढ़ते तनाव के बीच अचानक से यह राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है. राष्ट्रपति सिरिसेना प्रधानमंत्री, उनकी नीतियों खासतौर पर आर्थिक और सुरक्षा नीतियों के प्रति आलोचक रहे हैं. प्रधानमंत्री के पद से बर्खास्त करने पर प्रतिक्रिया देते हुए विक्रमसिंघे ने कहा कि उनके स्थान पर राजपक्षे का शपथ ग्रहण ‘अवैध और असंवैधानिक’ है और वह संसद में अपना बहुमत साबित करेंगे.

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अंग्रेजी साप्ताहिकी ‘संडे मॉर्निंग’ ने विचार स्तंभ में कहा कि परिस्थितियां बताती हैं कि सरकार में बदलाव लोकतांत्रिक तरीके से नहीं हुआ है लेकिन संवैधानिक तख्तापलट से संबंधित घटना से संवैधानिक संकट का अंदेशा है. इसने कहा कि यह संवैधानिक तख्तापलट है क्योंकि मौजूदा प्रधानमंत्री को नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने से पहले कानूनी तरीके से नहीं हटाया गया है.

संडे टाइम्स ने लिखा है कि सिरिसेना और राजपक्षे के बीच हुए सौदे को राज़ बनाकर रखा गया. राजपक्षे द्वारा शपथ ग्रहण करने तक सिरिसेना के वफादारों तक को इस बारे में जानकारी नहीं थी. अखबार ने अपने संपादकीय में कहा कि राज़ बाहर आ गया है और संसद को 16 नवंबर तक के लिए निलंबित कर दिया गया है. इसका मतलब साफ है कि नए प्रधानमंत्री को सांसदों के साथ बातचीत करके जोड़तोड़ का वक्त दिया गया है.

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अखबार ने विक्रमसिंघे को पूर्व प्रधानमंत्री नहीं लिखा है क्योंकि राजपक्षे की नियुक्ति की वैधता को लेकर स्पष्टता का अभाव है. इस बीच रविवार सुबह राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी गई. सेना, पुलिस और विशेष कार्य बल को राष्ट्रपति सचिवालय के आसपास तैनात किया गया. अहम इमारतों के पास सड़कों पर सैनिक नजर आए.

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बर्खास्त प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे अब भी प्रधानमंत्री के सरकारी आवास एवं दफ्तर में हैं. सरकारी सूत्रों ने बताया कि विक्रमसिंघे से सरकारी आवास टैम्पल ट्रीज को खाली कराने के लिए अदालत से आदेश प्राप्त करेंगे. यूएनपी ने कहा कि विक्रमसिंघे को बर्खास्त करना गैर कानूनी है और वह राष्ट्रपति द्वारा संसद का सत्र बुलाए जाने और बहुमत साबित करने तक काम करते रहेंगे. वह अब भी प्रधानमंत्री हैं. 

इनपुट भाषा से भी 

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