परमाणु निरस्त्रीकरण के बाद ही उत्तर कोरिया को मिलेगी पाबंदियों में ढील, अमेरिका ने कहा
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परमाणु निरस्त्रीकरण के बाद ही उत्तर कोरिया को मिलेगी पाबंदियों में ढील, अमेरिका ने कहा

दक्षिण कोरिया और जापान के रक्षा मंत्रियों के साथ बैठक में मैटिस ने कहा कि उत्तर कोरिया को राहत तभी दी जाएगी जब वह परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में पुष्ट और अपरिवर्तनीय कदम उठाएगा.

अमेरिका के विदेश मंत्री जिम मैटिस. (फाइल फोटो)

सिंगापुर: अमेरिका के विदेश मंत्री जिम मैटिस ने रविवार (3 जून) को कहा कि उत्तर कोरिया जब तक परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में ठोस और अपरिवर्तनीय कदम नहीं उठाता है तब तक उस पर लगी पाबंदियों में कोई ढील नहीं दी जाएगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में होने वाली शिखर बैठक से पहले एक सुरक्षा सम्मेलन में मैटिस ने कहा कि यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पाबंदियों का पालन करना अभी जारी रखे.

  1. 12 जून को सिंगापुर में होनी है शिखर वार्ता.
  2. ट्रंप ने 25 मई को इस वार्ता को रद्द कर दिया था.
  3. हालांकि उत्तर कोरिया ने कहा था कि वह अब भी वार्ता के लिए तैयार है.

दक्षिण कोरिया और जापान के रक्षा मंत्रियों के साथ बैठक में मैटिस ने कहा कि उत्तर कोरिया को राहत तभी दी जाएगी जब वह परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में पुष्ट और अपरिवर्तनीय कदम उठाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल हम अपने रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो शांति कायम का श्रेष्ठ मार्ग है. दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सोंग योंग - मू ने कहा कि उत्तर कोरिया के हालिया घटनाक्रम को देखते हुए, सचेत रहते हुए भी आशावादी हुआ जा सकता है.

ट्रंप-किम शिखर सम्मेलन में अमेरिकी सैनिकों पर चर्चा नहीं होगी : मैटिस
वहीं दूसरी ओर अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस का कहना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में होने वाले शिखर सम्मेलन के दौरान कोरियाई प्रायद्वीप से अमेरिकी सेना को हटाने या उनकी संख्या कम करने पर चर्चा नहीं होगी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, मैटिस ने शनिवार (2 जून) को 17वें एशियाई सुरक्षा शिखर सम्मेलन में कहा, "दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैनिकों की संख्या उसके निमंत्रण और वाशिंगटन एवं सियोल के बीच चर्चा के अधीन है."

मैटिस ने सिंगापुर में शुक्रवार (1 जून) से शुरू हुए शिखर सम्मेलन में कहा, "यह मुद्दा 12 जून को सिंगापुर में पटल पर नहीं रखा जाएगा और न ही रखा जाना चाहिए." न्होंने कहा हालांकि अगर राजनयिक अपना काम करते हैं, अगर हम खतरे को कम कर सकते हैं, अगर हम कुछ विश्वास निर्माण की दिशा में कदम उटा सकते हैं तो बेशक इस तरह के मुद्दे पर बाद में दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच चर्चा हो सकती है.

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