प्योंगयांग ने वाशिंगटन की परमाणु निरस्त्रीकरण की मांगों को ‘‘ धमकाने वाली ’’ करार देते हुए उन्हें मानने से इनकार कर दिया।
Trending Photos
टोक्यो. अमेरिका और उत्तर कोरिया की दो दिन तक चली गंभीर शांति वार्ता अब संकट में पड़ती दिख रही है। प्योंगयांग ने वाशिंगटन की परमाणु निरस्त्रीकरण की मांगों को ‘‘ धमकाने वाली ’’ करार देते हुए उन्हें मानने से इनकार कर दिया।
समाचार एजेंसी ‘ केसीएनए ’ ने उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा कि पोम्पिओ ने परमाणु मुद्दे पर ‘ एकपक्षीय एवं धमकाने वाली ’’ मांगे रखी , वहीं वाशिंगटन की ओर से किसी भी रचनात्मक कदम की पेशकश नहीं की गई। उन्होंने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका ने हमारी सद्भावना और धैर्य को गलत समझ लिया है।'
बयान में कहा गया, 'हमें लगा था कि अमेरिका किसी रचनात्मक प्रस्ताव के साथ आएगा, लेकिन हमारी यह उम्मीद एवं आशा बेहद मूर्खतापूर्ण थी।’ पोम्पिओ ने प्योंगयांग के उनके प्रयासों को खारिज करने और अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से शांति प्रक्रिया को फिर शुरू करने के अपील करने के सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की।
विदेश मंत्री ने कहा कि ये पेचीदा मुद्दे हैं लेकिन हमने सभी मुख्य मुद्दों पर कार्य शुरू कर दिए हैं। कुछ में कामयाबी मिली तो कुछ पर अभी और कार्य किया जाना बाकी है। उत्तर कोरिया के साथ हुई बातचीत पर अपने जापानी और दक्षिण कोरियाई समकक्षों के साथ चर्चा के लिये टोक्यो पहुंचे पोम्पिओ ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही। पोम्पिओ ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि जापानी समकक्ष के साथ उनकी बैठक रचनात्मक हुई और उन्होंने उत्तर कोरियों पर ‘‘ अधिकतम दबाव बनाने ’’ पर चर्चा की।
इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री शिंजो आबे से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर कोरिया परमाणु प्रस्ताव का मुद्दा वैश्विक एवं क्षेत्रीय स्थिरता दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।