Pakistan News: रमजान में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके मंत्री सैलरी के लिए तरस रहे हैं. पाकिस्तान में कंगाली का आलम ये है कि पाकिस्तानी सरकार ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जिनका वहीं के लोग मजाक बनाने लगे हैं.
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Pakistan News: रमजान में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके मंत्री सैलरी के लिए तरस रहे हैं. पाकिस्तान में कंगाली का आलम ये है कि पाकिस्तानी सरकार ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जिनका वहीं के लोग मजाक बनाने लगे हैं. वहीं UAE में पाकिस्तान के 202 भिखारी गिरफ्तार हुए हैं. इनमें 112 पुरुष और 90 महिलाएं हैं. मनाही के बाद भी ये लोग भीख मांग रहे थे.
विजिट वीजा पर यूएई पहुंच रहे पाकिस्तानी भिखारी
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के भिखारी विजिट वीजा पर UAE गए थे और वहां भीख मांग रहे थे. 6 महीने पहले भी पाकिस्तान के भिखारी दुबई में पकड़े गए थे जिन्हें वहां की सरकार ने वापस भेज दिया था. साथ ही पाकिस्तान को भविष्य में ऐसा ना करने की चेतावनी भी दी थी. इसके बाद भी पाकिस्तानी नहीं माने और भीख मांगने का सिलसिला फिर से शुरू कर दिया.
दुबई में भीख मांगना अपराध
दुबई में भीख मांगने को अपराध की कैटेगिरी में डाला गया है. दुबई पुलिस के अनुसार, भीख मांगते पकड़े जाने पर कम से कम 1 लाख 13 हजार रुपये का जुर्माना और तीन महीने तक की जेल की सजा का प्रावधान है. वहीं, जो लोग दूसरे देशों से भिखारियों लाने और यहां पर उनसे ये काम करवाते हैं, उनके खिलाफ कम से कम 22 लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना और 6 महीने की सजा हो सकती है.
आदत में सुधरना है ही नहीं..
पाकिस्तान से हर साल बड़ी संख्या में लोग सऊदी अरब, UAE और दूसरे अरब देशों में काम करने के बहाने जाते हैं. मगर वहां काम करने की बजाय भीख मांगने लगते हैं. इससे पहले भी कई बार पाकिस्तानी भिखारी अपने देश की फजीहत करा चुके हैं लेकिन उनकी आदत में सुधरना है ही नहीं.
रेड कॉर्पेट बिछाने तक के लिए बजट नहीं
पाकिस्तान की आर्थिक हालत सुधर नहीं रही और अब तो नौबत यहां तक आ गई है कि शहबाज सरकार रेड कॉर्पेट बिछाने तक के लिए बजट नहीं जुटा पा रही. शहबाज कैबिनेट ने एक आदेश जारी कर दिया है. जिसके मुताबिक सरकारी कार्यक्रम में रेड कार्पेट का इस्तेमाल नहीं होगा. अब इसे सिर्फ विदेशी महमानों के स्वागत में बिछाया जाएगा. PM शाहबाज शरीफ ने अधिकारियों को आधिकारिक कार्यक्रमों में रेड कार्पेट के इस्तेमाल पर बैन लगाने का निर्देश दिया है.
सैलरी के लाले पड़ गए
रेड कार्पेट बिछे या ना बिछे पाकिस्तान की आर्थिक सेहत पर उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. संकट इतना ज्यादा है कि प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को भी सैलरी के लाले पड़ गए हैं. हालांकि शहबाज शरीफ और उनकी कैबिनेट ने फिलहाल सैलरी ना लेने की घोषणा के जरिए नाकामी छिपाने की कोशिश की है. मगर इससे पाकिस्तान के खजाने को कोई फायदा होगा ऐसा नहीं लगता.
IMF से भीख के लिए पाकिस्तान बेताब
IMF से भीख पाने के लिए पाकिस्तान बेताब है और डील का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. शहबाज के नए-नए भरोसेमंद वित्त मंत्री मोहमम्द औरंगजेब भी बड़ी-बड़ी बातें करने लगे हैं. IMF से कर्ज के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं अमाउंट की अभी बात नहीं कर सकता क्योंकि वो बात अभी हुई नहीं है. जो बात हुई नहीं वो कहना मुनासिब नहीं है. लेकिन ये जरूर है कि हमें कम से कम 3 साल का प्रोग्राम चाहिए ताकि हमने पहले साल में जो काम शुरू कर दिया है. ये नहीं कि करने जा रहे हैं शुरू कर दिया है. हम इंतजार नहीं कर रहे किसी चीज का नाही IMF का ये जो कह रहे हैं कि शर्तें आएंगी ये मुल्क के लिए ठीक चीजें हैं तो उसे आगे ले गए हैं, लेकिन प्रोग्राम कितने का होगा इस पर अभी कुछ नहीं कह सकते.
अर्थव्यवस्था सुधारने की बड़ी चुनौती
पाकिस्तान के सामने अर्थव्यवस्था सुधारने की बड़ी चुनौती है. विदेशी कर्ज लगातार बढ़ रहा है और पूरा मुल्क दिवालिया होने की कगार पर है. यही वजह है कि भीख मांगने के अलावा पाकिस्तानियों के सामने अब कोई विकल्प बचा भी नहीं है.