PoK में फूटा जनता का गुस्सा, चौथे दिन भी हड़ताल जारी, हालात हुए बेकाबू
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PoK में फूटा जनता का गुस्सा, चौथे दिन भी हड़ताल जारी, हालात हुए बेकाबू

Pakistan Occupied Kashmir : पाकिस्तान में आटे-दाल समेत तमाम चीजों की महंगाई से परेशान लोग सड़कों पर उतर आए हैं और सरकार के खिलाफ पाकिस्तान हाय-हाय के नारे लगा रहे हैं. बताया जा रहा है, कि यह हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही है.

Pakistan Occupied Kashmir

Pakistan :  पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अब बगावत तेज हो गई है. POK वाले कश्मीर में गेहूं के आटे, बिजली की ऊंची कीमतों और के खिलाफ शुरू हुई हड़ताल सोमवार (13 मई) को चौथे दिन भी जारी रही है. इससे पूरे क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. वहीं, सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद पाकिस्तान सरकार ने स्थिति पर काबू पाने की कोशिशे तेज कर दी हैं. 

बता दें, कि विवादित क्षेत्र में शनिवार (11 मई) को पुलिस और अधिकार आंदोलन के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़पें में कम से कम एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी थे. प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार के बीच बातचीत विफल हो जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए सोमवार (13 मई) को एक उच्च स्तरीय बैठक कर सकते हैं. 

क्या है मांग

जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) के सदस्य क्षेत्र में जलविद्युत उत्पादन लागत के अनुसार बिजली की कीमतों को तय करने, गेहूं के आटे पर सब्सिडी और कुलीन वर्ग के विशेषाधिकारों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं. जेएएसी के नेतृत्व में पाक अधिकृत कश्मीर (POK) की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक लंबा मार्च निकाला गया. जेएएसी कोर कमेटी और क्षेत्र के मुख्य सचिव दाऊद बराच के बीच हुई बातचीत में कोई समाधान न निकलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फराबाद की ओर कूच करने का एलान किया है.

रावलकोट के एक प्रदर्शनकारी नेता ने सरकार पर टालमटोल की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक प्रदर्शनकारी पहले ही कई स्थानों पर कोहाला-मुजफ्फराबाद रोड को बंद कर वहां धरने पर बैठ हुए हैं. बताया गया है, कि चौराहों और संवेदनशील स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.

 

कानून को हाथ में लेना बर्दाश्त नहीं : PM शहबाज 

बाजार, व्यापार केंद्र और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, जबकि यातायात सेवाएं ठप्प हैं. मीरपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच शनिवार को झड़प होने के बाद तथाकथित सरकार ने रेंजर्स को बुलाया. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प पर चिंता जाहिर करते हुए रविवार को कहा, कानून को अपने हाथ में लेने को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने POK  के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक से बात की है और क्षेत्र के सभी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन पदाधिकारियों को एक्शन कमेटी के नेताओं से बात करने का भी निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने कहा, कि मैं सभी पक्षों से आग्रह करता हूं कि वे अपनी मांगों के समाधान के लिए शांतिपूर्ण तरीका अपनाएं. विरोधियों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद उम्मीद है कि मामला जल्द ही सुलझ जाएगा. 

 

क्या बोले राष्ट्रपति

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सभी हितधारकों से संयम बरतने और बातचीत तथा आपसी परामर्श के माध्यम से मुद्दों को हल करने का आग्रह किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक दलों, राज्य संस्थानों और क्षेत्र के लोगों को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए ताकि विरोधी अपने लाभ के लिए स्थिति का फायदा न उठा सकें. राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि कानून के अनुसार क्षेत्र के लोगों की मांग को पूरा किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि वह मौजूदा स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता तलाशने के लिए प्रधानमंत्री शरीफ से इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

राष्ट्रपति ने वर्तमान स्थिति पर खेद व्यक्त किया, उन्होंने पुलिस अधिकारी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर दुख जताया और झड़पों में घायल हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की. अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को पुंछ-कोटली रोड पर एक मजिस्ट्रेट की कार समेत कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया.

 

इंटरनेट सेवाएं बंद 

इसके अलावा पूरे क्षेत्र में बाजार, व्यापार केंद्र, कार्यालय, स्कूल और रेस्तरां बंद रहे. POK के कई स्थानों में हिंसा होने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मुजफ्फराबाद में दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया. एक दिन पहले ही सरकार ने क्षेत्र के कई हिस्सों में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी थीं.

 

 

 

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