चीन के नए एयरबोर्न रडार में पाकिस्तान की दिलचस्पी, 200 किमी दूरी से लगाती है लड़ाकू विमानों का पता
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चीन के नए एयरबोर्न रडार में पाकिस्तान की दिलचस्पी, 200 किमी दूरी से लगाती है लड़ाकू विमानों का पता

पाकिस्तान ने चीन के साथ संयुक्त रूप से निर्मित अपने जेएफ-17 लड़ाकू जेट विमानों में इस्तेमाल के लिये चीनी कंपनी द्वारा विकसित पहले द्विआयामी एयरबोर्न रडार को हासिल करने में दिलचस्पी दिखायी है.

रिपोर्ट के अनुसार नये रडार की एयर कूलिंग प्रणाली जेट विमानों पर वजन के बोझ को कम कर सकती है. (फाइल फोटो)

बीजिंग: पाकिस्तान ने चीन के साथ संयुक्त रूप से निर्मित अपने जेएफ-17 लड़ाकू जेट विमानों में इस्तेमाल के लिये चीनी कंपनी द्वारा विकसित पहले द्विआयामी एयरबोर्न रडार को हासिल करने में दिलचस्पी दिखायी है.

चीनी सैन्य विशेषज्ञ दू काईयुआन ने बताया कि नयी ‘एयरकूल्ड एक्टिव फेज्ड ऐरे फायर कंट्रोल रडार’ प्रणाली तीसरी पीढ़ी के जेट लड़ाकू विमानों का कम से कम 200 किलोमीटर की दूरी से पता लगा सकती है और मध्यम दूरी के हवा-से-हवा में मार करने में सक्षम मिसाइलों से उन्हें रोक सकती है.

सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने काईयुआन के हवाले से बताया कि पाकिस्तान अपने जेएफ-17 ब्लॉक 3 लड़ाकू जेट विमानों में इसके इस्तेमाल के लिये अपनी रूची दिखायी है, जो दूसरे देशों के लिये भी मार्ग प्रशस्त कर सकता है.

पीएलए रॉकेट फोर्स में सेवा देने वाले सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग ने अखबार को बताया कि चीन के रडार मुख्यत: घरेलू इस्तेमाल के लिये हैं और नयी रडार प्रणाली को चीन निर्मित जेट लड़ाकू विमानों के बगैर देशों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

रिपोर्ट के अनुसार नये रडार की एयर कूलिंग प्रणाली जेट विमानों पर वजन के बोझ को कम कर सकती है और उन्हें तेज गति से उड़ने में सक्षम बना सकती है.

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