भारत से बातचीत की कोई पहल नहीं करेगा पाकिस्तान : फातमी
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भारत से बातचीत की कोई पहल नहीं करेगा पाकिस्तान : फातमी

पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भारत द्वारा एकतरफा तरीके से विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द किए जाने के बाद उनका देश भारत से वार्ता शुरू करने की पहल नहीं करेगा। विदेश मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक तारिक फातमी ने एक इंटरव्यू में बताया कि बातचीत चूंकि भारत ने रद्द की थी, लिहाजा किसी तरह की वार्ता शुरू करने के लिए पाकिस्तान से संपर्क करना उसी की जिम्मेदारी है।

भारत से बातचीत की कोई पहल नहीं करेगा पाकिस्तान : फातमी

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भारत द्वारा एकतरफा तरीके से विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द किए जाने के बाद उनका देश भारत से वार्ता शुरू करने की पहल नहीं करेगा। विदेश मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक तारिक फातमी ने एक इंटरव्यू में बताया कि बातचीत चूंकि भारत ने रद्द की थी, लिहाजा किसी तरह की वार्ता शुरू करने के लिए पाकिस्तान से संपर्क करना उसी की जिम्मेदारी है।

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त और अलगाववादी कश्मीरी नेताओं के बीच हुई मुलाकात पर अपना विरोध जताते हुए भारत सरकार ने अगस्त में होने वाली विदेश सचिवों की वार्ता रद्द कर दी थी। यह पूछे जाने पर कि क्या उनका कड़ा रूख इस बात का संकेत है कि बातचीत की तत्काल बहाली संभव नहीं है, इस पर फातमी ने ‘हां’ में जवाब दिया और कहा कि उन्हें भारत से जल्द बातचीत की कोई संभावना नजर नहीं आती।

फातमी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की कोशिशों के कारण बातचीत फिर से शुरू होने वाली थी पर भारत ने अड़ंगा लगा दिया । अब बातचीत की शुरूआत करना भारत की जिम्मेदारी है। बातचीत की बहाली के लिए हम भारत से संपर्क करने नहीं जा रहे।’ फातमी ने दावा किया कि सीमा पर मौजूदा तनाव का सीधा नाता भारत में होने वाले विधानसभा चुनावों से है। फातमी ने उम्मीद जताई कि भारत के राज्यों में चुनाव के बाद सीमा पर हालात धीरे-धीरे सामान्य हो जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘हम भारत में चुनाव के बाद की स्थिति पर नजर रख रहे हैं पर बातचीत शुरू करने की जिम्मेदारी भारत की है। गेंद अब नरेंद्र मोदी के पाले में है और उन्हें बातचीत की पहल करनी होगी।’ फातमी ने कहा कि पाकिस्तान भारत से बेहतर रिश्ते चाहता है पर संबंधों में खटास आ गई है और इसमें जल्द सुधार की संभावनाएं कम हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर पाकिस्तान की विदेश नीति का केंद्र बिंदु है और जब पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने अपने वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की मंजूरी के बगैर कश्मीर नीति में बदलाव की कोशिश की थी तो उन्हें नाकामी का सामना करना पड़ा था। फातमी ने कहा, ‘हमारी नीति चुनी हुई एक ऐसी सरकार की नीति है जो लोगों की भावनाओं की नुमाइंदगी करती है। मुशर्रफ कश्मीर में जो चाहते थे, वह अब इतिहास बन चुका है।’

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