Santa Claus Tracker: क्रिसमस पर सेंटा कब पहुंचेगा आपके घर? 70 साल से अमेरिका-कनाडा कर रहे ये पहल
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Santa Claus Tracker: क्रिसमस पर सेंटा कब पहुंचेगा आपके घर? 70 साल से अमेरिका-कनाडा कर रहे ये पहल

NORAD Santa Claus Tracker: उत्तरी अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) सैंटा पर नजर रखने के साथ ही दुनिया भर के बच्चों की यह पता लगाने में भी मदद करता है कि की उनको गिफ्ट कब मिलने जा रहा है 

Santa Claus Tracker: क्रिसमस पर सेंटा कब पहुंचेगा आपके घर? 70 साल से अमेरिका-कनाडा कर रहे ये पहल

Christmas 2023: उत्तरी अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD),  अमेरिका और कनाडा का एक संयुक्त संगठन है जो दोनों देशों में और उसके आसपास उड़ान भरने वाली हर चीज पर नज़र रखने के लिए जिम्मेदार है. हालांकि पिछले करीब सात दशकों से यह क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सैंटा क्लोस को बच्चों को गिफ्ट देने की यात्रा को ट्रैक करने के मिशन में भी लगा है.

NORAD सैंटा पर नजर रखने के साथ ही दुनिया भर के बच्चों की यह पता लगाने में भी मदद करता है कि की उनको गिफ्ट कब मिलने जा रहा है और उनके शहर में सैंटा की रेंनडियर वाली स्लेज कब पहुंचेगी.

NORAD का सैंटा ट्रैकर अब लाइव है
अगर आप सैंटा की यात्रा को ट्रैक करना चाहते हैं तो आप www.noradsanta.org  वेबसाइट पर जा सकते हैं. यहां आप सैंटा और उसके रेनडियर के कल्पित विश्वव्यापी डिलीवरी रूट पर पर नजर रख सकते हैं.

यह वेबसाइट यूजर्स को सैंट के रास्ते में पड़ने दुनिया भर के विभिन्न शहरों के बारे में जानकारी भी उपलब्ध कराती है. वेबसाइट पर बच्चों के लिए इंटरैक्टिव गेम, वीडियो और एजुकेशनल कंटेट भी होता है.

कैसे शुरू हुई यह परंपरा?
सैंटा ट्रैकर बनने की कहानी भी दिलचस्प है. हालांकि इसके अलग-अलग वर्जन सुनने को मिलते है.. एक कथित किंवदंती के अनुसार, कोलोराडो स्प्रिंग्स के अखबार में एक विज्ञापन छपा था जिसमें बच्चों को सैंटा को कॉल करने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन गलती से इसमें कॉन्टिनेंटल एयर डिफेंस कमांड, (NORAD का पुराना संगठन),  का फोन नंबर भी लिस्टिड हो गया. कॉन्टिनेंटल एयर डिफेंस कमांड भी कोलोराडो स्प्रिंग्स में स्थित था.

एक बच्ची ने जब अमेरिकी राज्य कोलोराडो के कोलोराडो स्प्रिंग्स में कॉन्टिनेंटल एयर डिफेंस कमांड (CONAD) ऑपरेशंस सेंटर में पर यह विश्वास करते हुए डायल किया कि वह सांता को बुला रही है.

कॉल करने वाले बच्ची को निराश होने से बचाने के लिए,  उस समय के संचालन निदेशक, कर्नल हैरी शौप ने अपने कर्मचारियों को रडार की जांच करने का आदेश दिया कि सांता की लोकेशन का पता लगाए और बच्चों को उसके स्थान के बारे में सूचित करें. वहीं से एक ऐसी परंपरा की शुरुआत हुई जो अब अपने 68वें साल में पहुंचगई है.

सांता ट्रैकर तब से एक वैश्विक घटना बन गया है और दुनिया भर के लोग हर साल इसके लॉन्च का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

यह कैसे काम करता है?
सैंटा ट्रैकिंग ऑपरेशन क्रिसमस की पूर्व संध्या पर शुरू होता है जब रडार स्टेशन सांता के पसंदीदा ‘रेड नोज़’ रेनडियर रूडोल्फ से निकलने वाले इन्फ्रारेड सिग्नल को पकड़ते हैं.

NORAD बच्चों के सवालों के जवाब देने के लिए कोलोराडो में अपने बेस से एक अस्थायी कॉल सेंटर स्थापित करता है.

अमेरिकी सेना के अधिकारी के अनुसार,  सैंटा टैकर की तैयारियां महीनों पहले शुरू हो जाती है और इसमें नागरिक, कमांड के सैनिक और समुदाय के कई स्वयंसेवक और प्रायोजक शामिल होते हैं. क्रिसमस ख़त्म होते ही अगले साल की योजना पर काम होने लगता है.

 

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