चीन के शीर्ष जनरल ने बड़े भ्रष्टाचार को किया स्वीकार
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चीन के शीर्ष जनरल ने बड़े भ्रष्टाचार को किया स्वीकार

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से संबंधित अब तक के सबसे बड़े भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय सैन्य आयोग के पूर्व उप प्रमुख शू चाइहोउ को अभ्यारोपित किया गया है। इससे पहले उन्होंने भारी-भरकम घूस लेने की बात स्वीकार की।

बीजिंग : चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से संबंधित अब तक के सबसे बड़े भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय सैन्य आयोग के पूर्व उप प्रमुख शू चाइहोउ को अभ्यारोपित किया गया है। इससे पहले उन्होंने भारी-भरकम घूस लेने की बात स्वीकार की।

सेना के अभियोजन कार्यालय ने एक बयान में कहा कि शू के मामले में सैन्य अभियोजकों ने जांच पूरी कर ली है तथा उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया आरंभ की है। चीन के राष्ट्रपति की अध्यक्षता वाला केंद्रीय सैन्य आयोग देश की सबसे उच्च स्तरीय सैन्य इकाई है।

भ्रष्टाचार में नाम आने के बाद 71 साल के शू को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) से निकाल दिया गया और उन्हें सैन्य सेवा से मुक्त कर दिया गया। साल 1949 में चीन के कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के तहत आने के बाद से कोर्ट मार्शल का सामना करने वाले शू पीएलए के सबसे उच्च स्तर के अधिकारी हैं।

वह पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के समय सैन्य आयोग के उप प्रमुख बने थे और 2013 में जिंताओ के साथ ही सेवानिवृत्त हो गए थे। उन्हें पदोन्नति में ‘कैश फॉर रैंक’ पेश करने का आरोपी बनाया गया तथा पाया गया कि उन्होंने निजी और परिवार के स्तर से घूस लेकर लोगों को पदोन्नति में मदद की।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार बयान में कहा गया है कि शू को दी गई घूस की रकम बहुत बड़ी थी। शू को हिरासत में लेने से पीएलए के दूसरे जनरल गू जुनशांग की गिरफ्तारी का भी रास्ता साफ हो गया है। गू भी गबन, घूसखोरी, सरकारी धन के दुरूपयोग और सत्ता के दुरूपयोग के आरोपों का सामना कर रहे हैं। आरोपों के मुताबिक उन्होंने सेना की जमीनें प्रॉपर्टी कारोबारियों को बेचकर घूस ली और बड़े पैमाने पर निजी संपत्ति जमा की।

 

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