सीरिया में तुरंत संघर्षविराम चाहते हैं संयुक्त राष्ट्र चीफ
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सीरिया में तुरंत संघर्षविराम चाहते हैं संयुक्त राष्ट्र चीफ

विद्रोहियों के गढ़ पूर्वी घौटा में सीरियाई युद्धक विमानों के बढ़ते हमलों को देखते हुए तत्काल संघर्षविराम की मांग उठ रही है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस. (फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने सुरक्षा परिषद की, सीरिया में 30 दिन के संघर्षविराम की मांग का रविवार (25 फरवरी) को स्वागत किया और कहा कि इसे ‘‘तुरंत’’ लागू किया जाना चाहिए. विद्रोहियों के गढ़ पूर्वी घौटा में सीरियाई युद्धक विमानों के बढ़ते हमलों को देखते हुए तत्काल संघर्षविराम की मांग उठ रही है. बहरहाल रूस के समर्थन के साथ परिषद ने ‘‘बिना किसी देरी’’ के संघर्षविराम की मांग के पक्ष में सर्वसम्मति से मतदान किया. सुंयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए और यह टिकाऊ होना चाहिए. यह इसलिए जरूरी है ताकि वहां फंसे लोगों विशेषकर गंभीर रूप से बीमार लोगों एवं घायलों को तत्काल सुरक्षित निकाला जा सके और निर्बाध मानवीय सहायता एवं सेवाएं मुहैया करायी जा सके.

  1. सीरिया के पूर्वी घोटा में मरने वालों की संख्या 500 के पार.
  2. रूस के समर्थन के साथ सुरक्षा परिषद का संघर्षविराम के पक्ष में मतदान.
  3. सीरिया में 30 दिन के संघर्षविराम की मांग

सीरिया के पूर्वी घोटा में हमले में मरने वालों की संख्या 500 के पार, 120 से अधिक बच्चे

सीरिया के पूर्वी घोटा क्षेत्र में बागियों के कब्जे वाले इलाके में पिछले सात दिन से जारी बम बारी में मरने वालों की संख्या शनिवार (24 फरवरी) को बढ़कर 500 के पार चली गयी क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने संघर्षविराम पर मतदान में फिर देरी कर दी. सीरियन ऑब्जरवेटरी फोर ह्यूमन राइट्स के अनुसार मारे गये लोगों में 120 से अधिक बच्चे हैं. दमिश्क के बाहर इस क्षेत्र में पिछले रविवार को सरकार ने बमबारी शुरु की थी.

ब्रिटेन के इस संस्थान ने बताया कि शनिवार (24 फरवरी) के हवाई हमले में कम से कम 29 नागरिकों की मौत हो गयी. उनमें 17 की मौत डौमा शहर में हुई. उसने बताया कि सीरिया और रुसी सैन्यबल ये हमले कर रहे हैं. वैसे रुस ने पूर्वी घोटा में बमबारी में अपनी सीधी संलिप्तता से इनकार किया है. वह 2015 में सीरिया प्रशासन के समर्थन में सैन्य हस्तक्षेप करते हुए उतरा था.

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