वेनेजुएला ने 3 पत्रकारों को किया रिहा, कुख्यात जेल की रिपोर्टिंग की कोशिश में हुए थे गिरफ्तार
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वेनेजुएला ने 3 पत्रकारों को किया रिहा, कुख्यात जेल की रिपोर्टिंग की कोशिश में हुए थे गिरफ्तार

यूनियन ने एक बयान में कहा, ‘‘उन पत्रकारों के पास तोकोरॉन जेल में प्रवेश करने की अनुमति थी और जेल में प्रवेश करने के दौरान उनका पंजीकरण किया गया था, लेकिन जब वे जेल के अंदर पहुंच गये तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.’’

तोकोरॉन जेल को वेनेजुएला के सबसे हिंसक कारावासों में माना जाता है. (फाइल फोटो)

काराकस: वेनेजुएला ने उन तीन पत्रकारों को रिहा कर दिया है जिन्हें शुक्रवार (6 अक्टूबर) को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वे उत्तरी वेनेजुएला की एक कुख्यात जेल की रिपोर्टिंग करने का प्रयास कर रहे थे. इन पत्रकारों में इटली, स्विट्जरलैंड और वेनेजुएला का एक-एक पत्रकार शामिल है. नेशनल यूनियन ऑफ प्रेस वर्कर्स के मुताबिक अदालत ने रविवार (8 अक्टूबर) को इटली के रॉबर्टो डि मैट्टो, स्विट्जरलैंड के फिलिपो रॉसी और वेनेजुएला के यीशु मेदिना को रिहा करने का आदेश दिया. यूनियन ने टि्वटर पर रिहाई कार्ड दिखाते मेदिना की एक तस्वीर भी साझा की. स्विट्जरलैंड और इटली के राजनयिकों ने कहा कि उन्होंने गिरफ्तार पत्रकारों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप किया था.

  1. वेनेजुएला की एक कुख्यात जेल की रिपोर्टिंग करने की कोशिश में हुए थे गिरफ्तार.
  2. इन पत्रकारों में इटली, स्विट्जरलैंड और वेनेजुएला का एक-एक पत्रकार शामिल है.
  3. वेनेजुएला के तोकोरॉन जेल में कैदियों की संख्या बहुत अधिक है और यहां के कैदी कुपोषित भी हैं.

इटली के विदेश मंत्री एंजिलिनो अल्फानो ने कहा कि उनकी सरकार ने इस मामले पर ‘बहुत ध्यान’ दिया. उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिये बहुत अच्छी खबर है.’’ इस मामले में कानूनी सहायता मुहैया कराने वाले अधिकार समूह फोरो पेनल ने कहा कि पत्रकारों और उनके टीवी चालक दल ने रिपोर्टिंग के लिए तोकोरॉन जेल में प्रवेश किया था. इस जेल को देश के सबसे हिंसक कारावासों में माना जाता है.

आलोचकों का कहना है कि वेनेजुएला के इस कारावास में कैदियों की संख्या बहुत अधिक है और यहां के कैदी कुपोषित भी हैं. हालांकि सरकार यहां कैदियों की संख्या घटाने की योजना पर काम कर रही है. प्रेस यूनियन ने शनिवार (7 अक्टूबर) को इन तीनों पत्रकारों की पीछे से ली गयी तस्वीर जारी की थी. उन्हें हथकड़ी पहनाई गई थी और दो सैन्यकर्मी उनके इर्द-गिर्द थे.

यूनियन ने एक बयान में कहा, ‘‘उन पत्रकारों के पास तोकोरॉन जेल में प्रवेश करने की अनुमति थी और जेल में प्रवेश करने के दौरान उनका पंजीकरण किया गया था, लेकिन जब वे जेल के अंदर पहुंच गये तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.’’

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