UN की यमन को लेकर चेतावनी, कहा- शांति की बात नहीं हुई तो तबाह हो जाएगा देश
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UN की यमन को लेकर चेतावनी, कहा- शांति की बात नहीं हुई तो तबाह हो जाएगा देश

यमन में युद्ध समाप्त कराने के प्रयास में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में स्वीडन में एक सप्ताह तक चली वार्ता के बाद यह समझौता हुआ था.

.(फाइल फोटो)

दोहा: संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने रविवार को चेतावनी दी कि 2019 में यमन को ‘‘बहुत बुरे’’ समय का सामना करना पड़ सकता है. गुतारेस ने कहा कि अगर युद्ध में लिप्त पक्ष शांति समझौता नहीं करते और इस मानवीय संकट को दूर नहीं करते, तो यमन को अगले वर्ष बदतर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. संयुक्त राष्ट्र ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार और हुती विद्रोहियों के बीच होदीदा बंदरगाह शहर में युद्ध की स्थिति खत्म करने के लिए एक संघर्ष विराम समझौते पर मध्यस्थता की थी. यमन में युद्ध समाप्त कराने के प्रयास में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में स्वीडन में एक सप्ताह तक चली वार्ता के बाद यह समझौता हुआ था. गुतारेस ने कहा,‘‘शांति के बिना, हमें 2019 में आज की तुलना में भी काफी बदतर स्थिति का सामना करना पड़ेगा.’’ 

स्वीडन में यमन शांति वार्ता में हिस्सा लेंगे गुतारेस: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस स्वीडन में होने वाली यमन शांति वार्ता के अंतिम दिन बृहस्पतिवार को इसमें हिस्सा लेंगे. संयुक्त राष्ट्र ने यह जानकारी दी.यमन सरकार और हुती विद्रोहियों के बीच स्टॉकहो के उत्तर में रिम्बो मगांव में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाली वार्ता में गुतारेस भाग लेंगे. संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा, ‘‘वह दो प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठक करेंगे और इस दौर की वार्ता के अंतिम सत्र को संबोधित करेंगे.’’ 

गौरतलब है कि शांति वार्ता का मकसद यमन में ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों और राष्ट्रपति अबेद्राबू मंसूर हादी की सरकार के बीच संघर्ष को समाप्त कराना है. इससे पहले 5 दिसंबर को यमन सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल हुती विद्रोहियों के साथ शांति वार्ता के लिए सऊदी अरब की राजधानी रियाद से स्वीडन गया था. बारह सदस्यीय इस दल की अगुवाई विदेश मंत्री खालिद अल यमनी कर रहे हैं.

2016 के बाद पहली शांति वार्ता
विश्लेषकों का मनना है कि यमन में लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण हैं. 2016 के बाद से यह पहली यमन शांति वार्ता है. यमन के राष्ट्रपति आबेद्राबू मंसूर हादी के कार्यालय के प्रमुख अब्दुल्ला अल अलीमी ने ट्वीट किया कि सऊदी समर्थित सरकार का प्रतिनिधिमंडल सतत शांति की यमन की जनता की उम्मीदों को ले कर आ रहा है. उन्होंने कहा कि यह दल वार्ता के सफल रहने के लिए पूरे प्रयास करेगा जो ‘‘शांति लाने के लिए वास्तविक मौका है.’’

(इनपुट-भाषा)

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