घुसपैठियों पर 'ममता'! शुवेंदु का सवाल- बुआ, दीदी या रोहिंग्याओं की ‘खाला’?

पश्चिम बंगाल में घुसपैठियों और रोहिंग्या को लेकर सियासी उठापटक शुरू हो गया है. शुवेंदु अधिकारी ने तो ममता बनर्जी को घुसपैठियों की फूफी और रोहिंग्याओं की मौसी बता दिया. आपको बंगाल की सियासत में घुसपैठियों से दिखाई जाने वाली 'ममता' के बारे में बताते हैं.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Mar 8, 2021, 08:52 PM IST
  • पश्चिम बंगाल में घुसपैठियों को लेकर राजनीति तेज हुई
  • जम्मू में अवैध रोहिंग्या पर कार्रवाई का बंगाल में जिक्र
घुसपैठियों पर 'ममता'! शुवेंदु का सवाल- बुआ, दीदी या रोहिंग्याओं की ‘खाला’?

नई दिल्ली: जम्मू में गैरकानूनी ढंग से रह रहे रोहिंग्याओं की स्क्रीनिंग शुरू हुआ और 155 रोहिंग्या मुसलमानों को हीरानगर के होल्डिंग सेंटर भेजा गया तो इसका सीधा असर बंगाल के विधानसभा चुनाव में पड़ने लगा. हिंदुस्तान की सियासत में रोहिंग्या और घुसपैठियों पर दिखाई जाने वाली 'ममता' समझिए.

दीदी पर शुवेंदु अधिकारी का वार

बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोला है. टीएमसी TMC ने चुनावी बिसात में ममता के बंगाल की बेटी होने का मुद्दा उठाया था, इस पर बीजेपी के नंदीग्राम उम्मीदवार शुवेंदु ने ममता को बंगाल की बर्बादी का जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें रोहिंग्याओं की ‘खाला’ बताया.

वहीं शुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को ममता को रोहिंग्याओं की फूफी बताया है. शुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर बड़ा हमला करते हुए पूछा है कि ममता बुआ हैं, दीदी हैं या रोहिंग्याओं की ‘खाला’?

शुवेंदु ने पूछा कि ममता क्या हैं? बुआ, दीदी या घुसपैठियों की कद्रदान? दरअसल, कभी तृणमूल का मूल रहे शुवेंदु अधिकारी ने 2016 में नंदीग्राम से 81 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. अब बीजेपी में शामिल शुवेंदु ने ममता को 50 हजार से ज्यादा वोटों से हराने का दावा किया है.

रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई तेज

रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ सबसे बड़ा एक्शन जम्मू में शुरू हो चुका है. रोहिंग्याओं में हड़कंप मचा और वापस भेजने की कार्रवाई शुरू हुई. सैकड़ों लोगों को डिटेंशन सेंटर भेजा गया. जम्मू में अवैध रूप से बसे रोहिंग्याओं की धरपकड़ के लिए राज्य में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई चल रही है.

जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक जम्मू में अवैध रूप से रह रहे जिन आप्रवासियों के पास पासपोर्ट अधिनियम की धारा (3) के मुताबिक, वैध यात्रा दस्तावेज नहीं थे, कागज नहीं थे. उन्हें हीरानगर के 'होल्डिंग सेंटर' भेजा गया है. बता दें, जम्मू-कश्मीर में 13000 से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम हैं. जांच के बाद सभी को वापस म्यांमार भेजा जाएगा.

रविवार को पीएम मोदी (PM Modi) ने भी घुसपैठ और घुसपैठियों को रोके जाने का भी दावा किया. सोनार बांगला बनाने को लेकर कहा था कि 'जहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, शासन का मंत्र होगा, तुष्टिकरण किसी का नहीं. जहां घुसपैठ और घुसपैठियों को रोका जाएगा.'

7 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड से कहा था कि 'आशोल परिवर्तन मतलब ऐसा बंगाल जहां सबका उन्नयन होगा. बंगाल में तुष्टिकरण किसी का नहीं होगा, घुसपैठ को रोका जाएगा.'

रोहिंग्याओं ने कैसे बदली बंगाल की डेमोग्राफी? 

सितंबर 2013: पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ तेजी से बढ़ने लगी. बीएसएफ के सूत्रों ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमान मुख्य रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से स्वरूपनगर, बशीरहाट और गायघाट थाना क्षेत्रों में घुसपैठ कर रहे हैं.

उनका दावा है कि राज्य पुलिस ने हाल ही में उत्तरी दिनाजपुर में बालुरघाट क्षेत्र से सात रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया था.

मार्च 2018: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के हरदाह गांव में शरणार्थी शिविर में बुधवार को तीन और रोहिंग्या शरणार्थी बसे हुए हैं, जिसमें कुल कैदियों की संख्या 102 हो गई है. बांग्लादेश के चटगांव में कुछ 29 रोहिंग्या पहले पश्चिम बंगाल के एकमात्र रोहिंग्या में बसे थे.

जनवरी, 2021: पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग (ईसी) से बंगाल में मतदाताओं की सूची की जांच करने का आग्रह किया, क्योंकि इसमें रोहिंग्या मुसलमानों के नाम शामिल किए गए हैं.

भारत में कितने बांग्लादेशी घुसपैठिए?

2016 में देश में अवैध बांग्लादेशी 2 करोड़
प.बंगाल में अवैध बांग्लादेशी 57 लाख
अवैध रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठिए 40 हजार
(स्रोत - गृह मंत्रालय)

अनुमान के मुताबिक 2 करोड़ से ज्यादा घुसपैठिये हैं. 1971 से 2017 के बीच 80 हजार से कम की पहचान हुई. हर साल सिर्फ 1 हजार 740 घुसपैठियों की शिनाख्त होती है. अगस्त 2017 तक 29 हजार 738 ही वापस भेजे गए. MHA के मुताबिक बंगाल में 57 लाख अवैध बांग्लादेशी हैं.

रोहिंग्याओं पर क्यों 'ममता'?

फरवरी 2021: जब तक TMC सरकार है, बंगाल में NRC लागू नहीं होगा
जुलाई 2020: बंगाल में NRC कभी लागू नहीं, बीजेपी आग से ना खेले
सितंबर 2019: हम रोहिंग्याओं की मदद के लिये UN से अपील करते हैं
जुलाई 2018: NRC लाने के पीछे बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति है
सितंबर 2017: भारत में रह रहे रोहिंग्या आम शरणार्थी हैं, आतंकवादी नहीं
मार्च 2017: रोहिंग्या मुसलमान आम शरणार्थी हैं, कोई आतंकवादी नहीं

वोट के लिये बदलती 'ममता'?

वर्ष 1998 में ममता बनर्जी ने घुसपैठियों का समर्थन किया था. उन्होंने मुंबई में अवैध रूप से बसे बांग्लादेशियों को निकालने का विरोध किया था. बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकाले जाने को 'अत्याचार' बताया.

वर्ष 2005 में ममता बनर्जी ने घुसपैठियों का विरोध किया था. उन्होंने लेफ्ट पर बंगाल में बांग्लादेशियों की घुसपैठ बढ़ाने का आरोप लगाया था और बांग्लादेशी घुसपैठियों को 'आपदा' बताया, बाहर करने की मांग की थी.

वर्ष 2019 में ममता बनर्जी ने फिर घुसपैठियों का समर्थन किया. नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) लाने का कड़ा विरोध किया और रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी घुसपैठियों का खुलकर बचाव किया.

रोहिंग्या घुसपैठिये कहां-कहां?

  • दिल्ली
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  • राजस्थान
  • महाराष्ट्र
  • पश्चिम बंगाल 
  • जम्मू-कश्मीर
  • हैदराबाद 
  • आंध्र प्रदेश
  • मणिपुर

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पश्चिम बंगाल में घुसपैठियों को लेकर राजनीति तेज हो गई है. जम्मू में अवैध रोहिंग्या पर कार्रवाई का बंगाल में जिक्र होने लगा. ममता दीदी बाहरी Vs बंगाली का नारा दे रही हैं, लेकिन खुद वो घुसपैठियों को संरक्षण दे रही हैं. पश्चिम बंगाल चुनाव में घुसपैठिये इस बार बड़े मुद्दों में से एक हैं, इसीलिए भाजपा इस मामले में दीदी का खुलकर विरोध कर रही है.

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