मुझे उस देश से होने पर गर्व है जिसने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिया: PM Modi

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेश में कहा, ‘‘भारत यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि दुनिया भर में युवा पीढ़ी भगवान बुद्ध के बारे में अधिक जानें और उनके आदर्शों से प्रेरित हों.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 18, 2024, 10:40 PM IST
  • जानें क्या बोले पीएम मोदी
  • ग्लोबल साउथ के लिए बताया अहम
मुझे उस देश से होने पर गर्व है जिसने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिया: PM Modi

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि ‘हमें उस देश से होने पर गर्व है जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया.’ उन्होंने कहा कि भारत यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि दुनिया भर में युवा पीढ़ियां भगवान बुद्ध के बारे में अधिक जानें और उनके आदर्शों से प्रेरित हों. नई दिल्ली में शांति के लिए एशियाई बौद्ध सम्मेलन (एबीसीपी) की 12वीं महासभा में पूरे एशिया से आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए मोदी ने बौद्ध धर्म के साथ भारत के समृद्ध संबंध पर प्रकाश डाला.

ग्लोबल साउथ की मजबूती के लिए बु्द्ध अहम
बैठक के लिए एक लिखित संदेश में मोदी ने भगवान बुद्ध के सिद्धांतों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और ‘ग्लोबल साउथ’ के हितों के लिए एक मजबूत पैरोकार के रूप में उनकी भूमिका पर जोर दिया. ‘ग्लोबल साउथ’ से आशय उन देशों से है जिन्हें विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है. ये देश मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं. 

जानें क्या बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने संदेश में कहा, ‘‘भारत यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि दुनिया भर में युवा पीढ़ी भगवान बुद्ध के बारे में अधिक जानें और उनके आदर्शों से प्रेरित हों.’’ उन्होंने कहा कि सभा का उद्देश्य भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में प्रतिबिंबित करता है जो हमेशा भगवान बुद्ध के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित रहा है और ‘ग्लोबल साउथ’ के हितों का एक मजबूत पैरोकार है. 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत भगवान बुद्ध की भूमि है. जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, हमें उस देश से होने पर गर्व है जिसने दुनिया को बुद्ध दिया है, न कि युद्ध.’’ प्रधानमंत्री ने ‘बौद्ध सर्किट’ विकसित करने, विरासत स्थलों से कनेक्टिविटी बढ़ाने, भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति केंद्र की स्थापना और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने में देश के प्रयासों को रेखांकित किया. 

मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, संघर्ष, आतंकवाद और गरीबी जैसी वैश्विक चुनौतियों के लिए सहयोगात्मक और सामूहिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी समस्याओं को केवल साझा, सहयोगात्मक और सामूहिक दृष्टिकोण से ही हल किया जा सकता है. भगवान बुद्ध के सिद्धांत न केवल हमें एक साझा मंच पर लाने में मदद करते हैं, बल्कि हमारे सामने आने वाली कई चुनौतियों का समाधान भी बताते हैं.’

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