राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को किया संबोधित, राम मंदिर, ISRO मिशन पर बात की

Draupadi Murmu Address Nation: द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कल (26 जनवरी, गणतंत्र दिवस) वह दिन है जब हम संविधान के प्रारंभ होने का जश्न मनाएंगे. भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है. यही कारण है कि भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Jan 25, 2024, 07:43 PM IST
  • यह परिवर्तन का समय है
  • भगवान श्री राम की मूर्ति का भी किया जिक्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को किया संबोधित, राम मंदिर, ISRO मिशन पर बात की

Draupadi Murmu Address Nation: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया और G20 शिखर सम्मेलन, अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन और महिला सशक्तिकरण सहित कई विषयों पर बात की.

संबोधन की मुख्य बातों पर डालें नजर
1. द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'कल वह दिन है जब हम संविधान के प्रारंभ होने का जश्न मनाएंगे. भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है. यही कारण है कि भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है.'

उन्होंने कहा, 'देश अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों में है. यह परिवर्तन का समय है. हमें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सुनहरा अवसर दिया गया है. हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण होगा.'

2. 'इस सप्ताह की शुरुआत में, हमने अयोध्या में निर्मित गौरवशाली नए मंदिर में भगवान श्री राम की मूर्ति की ऐतिहासिक 'प्राण प्रतिष्ठा' देखी. जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य से देखा जाएगा, तो भविष्य के इतिहासकार इसे भारत की अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर पुनः खोज में एक मील का पत्थर मानेंगे.'

'उचित न्यायिक प्रक्रिया और देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हुआ. अब यह एक भव्य इमारत के रूप में खड़ा है, जो न केवल लोगों के विश्वास की अभिव्यक्ति देता है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में लोगों के भारी विश्वास का प्रमाण भी है'

3. 'मेरा मानना है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला सशक्तिकरण के लिए एक क्रांतिकारी टूल साबित होगा. यह हमारे शासन की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में भी काफी मदद करेगा.'

4. 'हमारी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर हाल के वर्षों में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक रही है, और हमारे पास यह विश्वास करने के सभी कारण हैं कि यह प्रदर्शन वर्ष 2024 और उसके बाद भी जारी रहेगा.'

5. 'अमृत काल' का काल अभूतपूर्व तकनीकी परिवर्तनों का काल होगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकी प्रगति हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन रही है. भविष्य में चिंता के कई क्षेत्र हैं, लेकिन आगे रोमांचक अवसर भी हैं, खासकर युवाओं के लिए. वे नई सीमाएं तलाश रहे हैं. हमें उनके रास्ते से बाधाएं दूर करने और उन्हें अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने देने के लिए हर संभव प्रयास करने की जरूरत है.'

6. 'हमारे वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ पहले से कहीं अधिक ऊंचे लक्ष्य रख रहे हैं और परिणाम भी दे रहे हैं.'

7. 'G20 शिखर सम्मेलन ने वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में भारत के उद्भव को बढ़ावा दिया, जिससे अंतर्राष्ट्रीय चर्चा में आवश्यक तत्व जुड़ गए.'

8. 'मुझे यकीन है कि नए आत्मविश्वास से ओत-प्रोत हमारे खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करेंगे... हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि हमारी महिला खिलाड़ी हमारी पदक तालिका में प्रभावशाली योगदान दे रही हैं.'

9. 'नई शिक्षा नीति (NEP) डिजिटल जरूरतों को पाटने पर पर्याप्त जोर देती है.'

10. 'सरकार ने न केवल कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार और संवर्द्धन किया है, बल्कि कल्याण के विचार को भी फिर से परिभाषित किया है... यह हम सभी के लिए गर्व का दिन होगा जब भारत उन कुछ देशों में से एक बन जाएगा जहां बेघर होना दुर्लभ होगा.'

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