मानवाधिकारों की हत्या के मामले में मौसेरे भाई हैं चीन और नार्थ कोरिया

ज्यादा फर्क नहीं हैं चीन और नार्थ कोरिया में, पिछले साल चीन ने अपने देश में हज़ारों लोगों को मौत के घाट उतारा है. लेकिन सवाल ये भी है कि मानवाधिकार के मामले में भी दुनिया में कोई भी देश चीन के खिलाफ कुछ क्यों नहीं बोलता है?

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 23, 2020, 05:56 AM IST
    1. मौत की सजा के मामले में चीन सबसे ऊपर
    2. चीन में मौत का सिलसिला अभी भी जारी है
    3. मौत की सजा देने में वैश्विक गिरावट देखी गई है
मानवाधिकारों की हत्या के मामले में मौसेरे भाई हैं चीन और नार्थ कोरिया

नई दिल्ली: चीन का सिक्का दुनिया में चलता है. चाहे वो संयुक्त राष्ट्र हो या डब्ल्यूएचओ या आईएमएफ. चीन के हिसाब से ही सारे काम होते हैं. लेकिन पता नहीं कैसे एमनेस्टी इंटरनेशनल चीन के दबाव में नहीं है. इसी अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था की रिपोर्ट बताती है कि बीते साल चीन ने हजारों लोगों को दी थी मौत की सजा.

मौत की सजा के मामले में चीन सबसे ऊपर

एमनेस्टी इंटरनेशनल के द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मौत की सजा देने वाले देशों की सूची में चीन अव्वल है और वहीं ईरान दूसरे पायदान पर. यह रिपोर्ट दावा करती है कि 2019 में चीन में मौत की सजा दिए गए लोगों की संख्या हज़ारों में थी. इसी साल इस काम में दूसरे नंबर पर रहा ईरान जिसने कुल 251 लोगों को मौत की सजा दी थी.  

चीन में मौत का सिलसिला अभी भी जारी है

एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि चीन के आंकड़े पूरी तरह स्पष्ट नहीं है फिर भी ये तो तय है कि चीन में मौत की सज़ा देने का सिलसिला अभी भी बाकायदा जारी है. इस मानवाधिकार संगठन ने कहा है कि चीन हजारों लोगों को मौत की सजा देने का सिलसिला जारी रखे हुए है, लेकिन चीन अपने देश में मौत की सजा से जुड़े आंकड़ों को गुप्त रखता है.

मौत की सजा देने में वैश्विक गिरावट देखी गई है

मानवाधिकार की इस वैश्विक संस्था के अनुसार पिछले साल अर्थात 2019 में पूरी दुनिया में मौत की सजा देने में 5 फीसदी की कमी देखी गई है. लेकिन आंकड़ों की इस किताब में चीन को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि चीन इस मामले में भी आंकड़े छुपता है. दूसरे देशों की बात करें तो ईरान ने 251 लोगों को मौत की सजा दी जिनमें चार अवयस्क अपराधी भी थी.

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सऊदी अरब में 2019 में 2018 की तुलना में  मृत्यु दंड की संख्या में बढ़ोतरी नज़र आई है. ये रिपोर्ट बताती है कि 2019 में सऊदी अरब में 185 लोगों को मृत्यु दंड दिया गया.

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