गजब! बिना मिट्टी-पानी के हो रही खेती, इजरायली तकनीक से फल-सब्जियां उगाकर लाखों कमा रहे किसान
अब तक हम और आप यही सुनते और देखते आए हैं कि बिना मिट्टी-पानी के खेती संभव नहीं है. बिना मिट्टी के पेड़-पौधे कहां लगाएंगे जाएंगे? अगर आपके मन में भी इसी तरह से सवाल हैं तो बता दें कि राजस्थान के भीलवाड़ा में बिना मिट्टी-पानी के खेती हो रही है.
अब तक हम और आप यही सुनते और देखते आए हैं कि बिना मिट्टी-पानी के खेती संभव नहीं है. बिना मिट्टी के पेड़-पौधे कहां लगाएंगे जाएंगे? अगर आपके मन में भी इसी तरह से सवाल हैं तो बता दें कि राजस्थान के भीलवाड़ा में बिना मिट्टी-पानी के खेती हो रही है. भीलवाड़ा, जिसे टेक्सटाइल सिटी के नाम से जानते हैं, वहां अब इजरायली तरीके से खेती की जा रही है. जी हां बिना मिट्टी और बिना पानी की.
बिना मिट्टी-पानी के खेती
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में खेती का नया तरीका अपनाया जा रहा है. यहां किसान खेती के नए तरीकों पर काम कर रहे हैं. यहां के किसान अब इजरायल की तकनीक पर बिना मिट्टी और पानी के खेती कर रहे हैं. इस तकनीक से वो 30 से ज्यादा तरह की सब्जियां और फल उगा रहे हैं. इन फलो-सब्जियों की देश-विदेश में खूब डिमांड बढ़ रही है. भीलवाड़ा के अलावा इन फलों और सब्जियों को दिल्ली, गुजरात , मुंबई जैसे महानगरों में बेचा जा रहा है. इस खास तकनीक की वजह से किसान ऑफ सीजन में भी सभी तरह की सब्जियां उगा लेते हैं।
क्या है इजरायली तरीका?
इजरायली तरीके से की जा रही खेती में मिट्टी-पानी के बजाए फसल को ऑक्सीजन की मदद से उगाया जाता है. इस तकनीक में सबसे पहले एक एग्रीकल्चर फार्म में स्टैंड बनाया जाता है. इसे इस तरह से तैयार किया जाता है, ताकि उससे लगातार पानी बहता रहे और पौधों को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियल, मैग्नीशियल, सल्फर और आयरन जैसे पोषक तत्व मिलते रहे. इस तकनीक में 80 फीसदी पानी की बचत हो जाती. इस तकनीक में किसानों को इस बात का खास ख्याल रखना होता है कि जहां पौधे लगाए गए हैं, वहां का तापमान 15 से 32 डिग्री रहे. मिट्टी के बजाए नारियल के भूसे से बने कॉकपिट का इस्तेमाल किया जाता है। खेती के इस उन्नत तकनीक में नए प्रयोग जारी है. इस तकनीक में कम जगह, बिना मिट्टी और कम पानी में फसलों को उगाया जाता है. भीलवाड़ा के किसान टमाटर, स्ट्रॉबेरी, खीरा जैसे फसलों की खेती कर रहे हैं.