MSP on Wheat: लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच सरकार ने किसानों और आम जनता को राहत देने के लिए बड़ा फैसला किया है. केंद्र ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे गैर-पारंपरिक राज्यों को गेहूं खरीद में इजाफा करने का ऐलान किया है. चालू विपणन वर्ष 2024-25 में सरकार ने इस खरीद को सात गुना बढ़ाकर 50 लाख टन करने का लक्ष्य रखा है.


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इन तीन राज्यों ने 2023-24 विपणन वर्ष के दौरान केंद्रीय पूल में सिर्फ 6.7 लाख टन का योगदान दिया था. वहीं, केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने 2024-25 के लिए 310 लाख टन के कुल गेहूं खरीद लक्ष्य का 16 प्रतिशत इनसे खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है. 


कितनी है गेहूं की MSP?


न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की खरीद आमतौर पर केंद्र की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य एजेंसियों द्वारा की जाती है. हालांकि, सहकारी समितियां नेफेड और एनसीसीएफ को भी इस साल पांच-पांच लाख टन के खरीद लक्ष्य के साथ जोड़ा गया है. चालू वर्ष के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. 


यूपी-बिहार दे रहे बहुत कम योगदान


खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान अपनी क्षमता से बहुत कम का योगदान दे रहे हैं. हम इस साल कुल 310 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रख रहे हैं, जिसमें से हम तीन गैर-पारंपरिक खरीद वाले राज्यों से अकेले कम से कम 50 लाख टन खरीद की उम्मीद कर रहे हैं.


चुनाव का नहीं होगा असर


अक्टूबर से केंद्र इन तीन राज्यों के साथ खरीद स्तर बढ़ाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कमियों को दूर करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और इससे तीन राज्यों में खरीद के लेवल को बढ़ाने में मदद मिलेगी. सचिव ने कहा कि 2024 के आम चुनावों से गेहूं खरीद कार्यों पर असर पड़ने की संभावना नहीं है. 


48 घंटों में मिलेगा MSP का पैसा


उन्होंने कहा कि गैर-पारंपरिक राज्यों से गेहूं खरीद में ग्रोथ से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत गेहूं के आवंटन को बहाल करने में मदद मिलेगी. सबसे जरूरी बात यह है कि सचिव ने कहा कि सरकार ने 48 घंटों के भीतर किसानों के बैंक खातों में एमएसपी ट्रांसफर सुनिश्चित करने, किसानों के लिए खरीद के आकस्मिक बोझ को सुव्यवस्थित करने, बैंक खातों के साथ आधार एकीकरण जैसे बैंकिंग से संबंधित मुद्दों को सुचारू करने का निर्णय लिया है.


उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रोडक्शन हॉटस्पॉट को लक्षित करते हुए अधिक खरीद केंद्र भी खोले हैं और मोबाइल खरीद केंद्र स्थापित किए हैं. स्वयं सहायता समूहों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों का लाभ उठाने का निर्णय लिया है. इसके अलावा सरकार ने किसानों को 48 घंटे के भीतर एमएसपी का पेमेंट सुनिश्चित करने के लिए एजेंसियों को वर्किंग कैपिटल के माध्यम से संस्थागत तैयारी सुनिश्चित की है. सचिव ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों के बीच खरीद की वास्तविक समय पर निगरानी के लिए दिल्ली में एफसीआई मुख्यालय में एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.


7.06 लाख टन गेहूं बिका 


गेहूं और चावल की कीमतों पर सचिव ने कहा कि 'भारत' ब्रांड गेहूं के आटे की खुदरा बिक्री शुरू होने के बाद आटे और गेहूं की कीमतें फिलहाल स्थिर हैं. अबतक करीब 7.06 लाख टन गेहूं का आटा बेचा जा चुका है. यहां तक कि चावल की खुदरा महंगाई दर भी पिछले दो महीने से 13 प्रतिशत और 14 प्रतिशत पर स्थिर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि फरवरी से अबतक भारत ब्रांड के तहत लगभग 3.1 लाख टन एफसीआई चावल बेचा जा चुका है.


इनपुट - भाषा एजेंसी