Kesar ke kheti in Noida: 3 लाख रुपये प्रति किलो तक बिकने वाले केसर की खेती कश्मीर में होती है. भारत अपनी खपत का 30 फीसदी ही केसर उगाता है, बाकि के 70 फीसदी का आयात करता है. केसर ठंडे इलाके में उगाया जाता है, इसके लिए जरूरी मौसम कश्मीर में है, लेकिन नोएडा के एक किसान ने इस धारणा के खत्म कर दिया. गौतमबुद्ध के रहने वाले रमेश गेरा पेश से इंजीनियर हैं. उन्होंने कश्मीर के बजाए अपने घर के एक कमरे में केसर की खेती शुरू कर दी.  64 साल के रमेश गेरा ने असंभव को संभव कर दिखाया और कश्मीर के बजाए नोएडा में केसर उगा दिया. 


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नोएडा में उगा दिया केसर  


रमेश ने नोएडा में केसर की खेती कर लाखों कमा रहे हैं. उन्होंने कोरिया से एडवांस फार्मिंग की तकनीक सीखी. साल 2017 से रिटायरमेंट के बाद से वो पूरी तरह से केसर की खेती में जुट गए. उन्होंने 4 लाख रुपये खर्च कर कश्मीर से वहां की मिट्टी और केसर के बीज मंगवाए. कश्मीर की तरह ठंडा वातावरण रखने के लिए कूलिंग का अरेंजमेंट किया. शुरुआती दो सालों में उन्हें सफलता नहीं मिली. फिर वो खुद कश्मीर पहुंच गए और वहां जाकर केसर की खेती को लेकर रिसर्च किया.  


लाखों में कमाई  
कोरिया से हाइड्रोपोनिक फार्मिंग, माइक्रोग्रीन्स, पॉलीहाउस इंजीनियरिंग और सेफ्रॉन कल्टीवेशन जैसी एडवांस फार्मिंग तकनीक के साथ केसर के पारंपरिक तरीकों पर रिसर्च के बाद उन्होंने अपने घर के 10x10 वाले एक कमरे में केसर उगाने का पूरा सेटअप तैयार किया. फिर से कोशिश  करते हुए खेती शुरू. इस बार उन्हें सफलता मिली. केसर की अच्छी उपज हुई. 


कितना खर्च, कितनी कमाई  


रमेश ने केसर की खेती पर 4 लाख रुपये खर्च किए, करीब 2 लाख रुपये खर्च कर कश्मीर से केसर के बीज और मिट्टी मंगवाई.  आज वो लाखों कमा रहे हैं. रमेश गेरा के मुताबिक केसर की खेती में बहुत मेहनत नहीं है. घर में एक आदमी भी इसे संभाल सकता है. अब उन्हें केसर की खेती पर महीने का 5 से 7 हजार रुपये खर्च करना पड़ता है, जिसमें हर महीने 4 से 5 हजार का खर्च बिजली पर आता है.कमाई की बात करते हुए उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि होलसेल मार्केट में यह ढाई लाख रुपये प्रति किलो तक बिक जाता है. वहीं रिटेल मार्केट में 3.50 लाख रुपये प्रति किलो तक इसकी सेल होती है. अगर इसका एक्सपोर्ट किया जाए तो 6 लाख रुपये प्रति किलो तक की कमाी हो जाती है.