Uttarashada Nakshatra Lord: 21वां नक्षत्र उत्तराषाढ़ा कहलाता है, जिसका अर्थ होता है, उत्तरार्ध का अपराजेय, सदा विजय पाने वाला. यानी लास्ट मूवमेंट में विजय दिलाने वाला. कुछ विद्वानों ने यह भी कहा है की उत्तराषाढ़ा नक्षत्र ही वह क्षेत्र है, जहां पर देवताओं ने असुरों पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र को जोड़ी मानना चाहिए, क्योंकि एक शुरुआत की विजय है दूसरी अंत की विजय. पूर्वाषाढ़ा हाथी का बाया दांत माना गया है तो उत्तराषाढ़ा को उसका दायां दांत मानते हैं. दस विश्वदेवों को उत्तराषाढ़ा का अधिपति देवता माना गया है. यह नक्षत्र धनु और मकर राशि को जोड़ता है, इसलिए जिन लोगों की धनु या मकर राशि होगी, उनका उत्तराषाढ़ा नक्षत्र हो सकता है. 


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इस नक्षत्र के लोगों को यदि सम्मान न दिया जाए तो यह कुपित हो जाते हैं. वैसे यह लोग सही जगह पर ही नाराजगी व्यक्त करते हैं, लेकिन कभी-कभी अधिक क्रोध आने पर यह कुछ ज्यादा ही भावनात्मक होकर रिएक्ट कर जाते हैं. इससे इन्हें बचना चाहिए. 


यदि यह लोग पार्टनरशिप में कोई कारोबार शुरू करते हैं तो यह उस कारोबार में अपने पार्टनर पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं, जिससे इन्हें आगे चलकर नुकसान भी उठाना पड़ता है. संतान संस्कार सीखे, इसको लेकर अनुशासित होते हैं और पुरानी परंपराओं का पालन कराने के लिए संतान पर दबाव भी डालते हैं, जिससे कई बार संतान से मतभेद हो जाता है.  


उपाय


उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे लोगों का वृक्ष होता है कटहल. इसका पौराणिक नाम पनस है. यह एशिया में प्रायः सभी जगह पाया जाता है. पेड़ पर होने वाले फलों में इसका फल विश्व में सबसे बड़ा होता है. इसका प्रयोग आयुर्वेदिक दवा बनाने में होता है और पत्तियों का उपयोग रक्तचाप एवं डायरिया के निदान में किया जाता है. इसका फल से कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनते हैं. उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे लोगों को कटहल का वृक्ष खेत, बगीचा, पार्क सड़क किनारे या ग्रीन बेल्ट में लगवाना चाहिए. इसके संरक्षण और नियमित रूप से खाद, पानी की व्यवस्था भी करनी चाहिए. 


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