Study Room Vastu Tips: यदि घर वास्‍तु शास्‍त्र के अनुसार बनाया जाए तो घर में सकारात्‍मकता रहती है. घर के लोगों को तरक्‍की मिलती है, कामों में सफलता, सुख, समृद्धि मिलती है. वहीं स्‍टडी रूम का गलत जगह पर होना नकारात्‍मकता लाता है. पढ़ाई से ध्‍यान भटका सकता है. इसलिए हिंदू धर्म-शास्‍त्रों में हर काम को करने के लिए सही दिशाएं बताई गई हैं. यदि बच्‍चों के स्‍टडी रूम को बनाते समय कुछ बातों का ध्‍यान रखा जाए तो उन्‍हें अपने लक्ष्‍य सफलतापूर्वक पाने में काफी मदद मिल सकती है. 


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स्टडी रूम के लिए जरूरी वास्तु नियम


वास्तु शास्त्र में स्‍टडी रूम को लेकर कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं. इसमें घर में स्‍टडी रूम बनाने की सही दिशा, स्‍टडी रूम की दीवारों का रंग, स्‍टडी टेबल रखने की दिशा आदि शामिल हैं. आइए जानते हैं स्‍टडी रूम के लिए वास्‍तु शास्‍त्र के जरूरी नियम. 


- पढ़ाई-लिखाई करने लिए सबसे उत्तम दिशा उत्तर-पूर्व दिशा होती है. इसलिए बच्‍चों का स्‍टडी रूम हमेशा इसी दिशा में बनाएं. ध्‍यान रहे कि कभी भी स्‍टडी रूम दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं बनाएं. 


- यदि घर में जगह की कमी हो तो भी सीढ़ियों के नीचे बच्चों के पढ़ने का कमरा नहीं बनवाएं. ऐसा करने से बच्‍चों की पढ़ाई-लिखाई में बाधा आती है. 


- स्‍टडी रूम में स्‍टडी टेबल इस तरह रखनी चाहिए कि बच्‍चे का मुंह दरवाजे या खिड़की की ओर ना रहे. बल्कि उसकी पीठ उस ओर रहे. 


- वास्‍तु शास्‍त्र में चौकोर स्‍टडी टेबल को सबसे शुभ माना गया है. 


- स्‍टडी रूम में स्‍टडी टेबल इस तरह रखना चाहिए कि पढ़ते समय बच्चे का मुख उत्तर-पूर्व दिशा की ओर रहे. 


- स्‍टडी रूम में कभी भी गंदगी नहीं रखनी चाहिए. ना ही कॉपी-किताबें और बाकी चीजें अव्‍यवस्थित रहनी चाहिए. इससे माहौल में नकारात्‍मकता बढ़ती है, जो एकाग्रता में कमी लाती है. स्‍टडी रूम और स्‍टडी टेबल को हमेशा साफ-सुथरा और व्‍यवस्थित रखें. 


- वास्तु शास्त्र के अनुसार कॉपी किताब को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना बेहतर होता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)