Bunker In Russia: रूस की अंडरग्राउंड मेट्रो 90 साल पुरानी है, और यह इतने वर्षों बाद भी उतनी ही मजबूत है. इन सुरंगों को इस तरह डिजाइन किया गया था कि ये बमों और मिसाइलों के हमलों को सहन कर सकें, और अंदर मौजूद लोगों को किसी भी नुकसान से बचा सकें.
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Russia ukraine missile attack: यूक्रेन ने रूस पर लॉन्ग रेंज मिसाइल से हमला कर दिया है, और इस हमले की पुष्टि यूक्रेनी फौज ने भी कर दी है. खबरों के मुताबिक, यह हमला रूस के सीमावर्ती इलाकों में किया गया है, और इस हमले के लिए अमेरिका से मिली ATACMS (Army Tactical Missile System) मिसाइल का इस्तेमाल किया गया है. सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को रूस की धरती पर लंबी दूरी के हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति दी थी, जिसके बाद यूक्रेन ने यह हमला किया.
इस हमले के बाद रूस और नाटो के बीच तनाव और बढ़ गया है. रूस के नागरिक बंकरों में शरण लेने लगे हैं, जो बड़े बम और मिसाइल हमलों से बचाने के लिए बनाए गए थे. इन बंकरों में आज ज़ी न्यूज़ आपको लेकर जाएगा, और रिपोर्टर अशोक राज बताएंगे कि जब बड़ा हमला होता है, तो रूस के नागरिक अपनी जान कैसे बचाते हैं.
यूक्रेन के हमले ने पुतिन की प्रतिष्ठा को एक बड़ा झटका दिया है, और वह अब इसका बदला लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. हालांकि, इस बीच रूस की मेट्रो सेवा, जो पहले दूसरे विश्व युद्ध के समय बम हमलों से बचाने के लिए तैयार की गई थी, अब रूस के नागरिकों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन चुकी है. रूस की अंडरग्राउंड मेट्रो 90 साल पुरानी है, और यह इतने वर्षों बाद भी उतनी ही मजबूत है. इन सुरंगों को इस तरह डिजाइन किया गया था कि ये बमों और मिसाइलों के हमलों को सहन कर सकें, और अंदर मौजूद लोगों को किसी भी नुकसान से बचा सकें.
रूस की मेट्रो सिर्फ एक बम शेल्टर ही नहीं है, बल्कि यह रूस की कम्युनिस्ट क्रांति का प्रतीक भी है. मेट्रो स्टेशन पर आपको ऐसी मूर्तियां और प्रतीक मिलेंगे, जो रूस की क्रांति और पिछले 100 सालों में हुए बदलावों की कहानी बयान करते हैं. ये सुरंगें न केवल रक्षा की एक मजबूत दीवार बन चुकी हैं, बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी हैं.
यूक्रेन ने अब तक हल्के रॉकेट्स और ड्रोन के जरिए हमले किए थे, लेकिन अब अगर ATACMS जैसी बैलेस्टिक मिसाइलों से हमले जारी रहते हैं, तो रूस की मेट्रो सर्विस, यानी बम शेल्टर, रूस के नागरिकों की लाइफलाइन बन जाएगी.
हालांकि, यूक्रेन के हमले के कुछ घंटों के भीतर ही पुतिन ने अपनी न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन में बदलाव किया. उन्होंने अब उन देशों को भी अपनी न्यूक्लियर नीति में शामिल कर लिया है, जिनका समर्थन परमाणु शक्ति रखने वाले देशों से प्राप्त है. इसके अलावा, पुतिन ने एयर अटैक की कैटेगरी में केवल फाइटर जेट्स और बॉम्बर्स नहीं, बल्कि बैलेस्टिक मिसाइलों और ड्रोन को भी शामिल किया है. पुतिन का यह कदम सीधे तौर पर यूक्रेन से जुड़ा हुआ है, और इसके चलते सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह इस युद्ध को समाप्त करने के लिए परमाणु हमले का सहारा लेंगे.
यह स्थिति रूस के लिए और भी जटिल हो सकती है, क्योंकि परमाणु हमले के जरिए युद्ध को समाप्त करने की पुतिन की योजना पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है. (DNA)