Calender Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जिसमें हमारे घर और कार्यालय के हर हिस्से के लिए निर्देश दिए गए हैं. वास्तु में समय और दिशा का बहुत महत्व है. इसमें कैलेंडर का महत्व भी है, इसका उपयोग वास्तु शास्त्र में शुभ मुहूर्त और दिन चुनने के लिए किया जाता है. कैलेंडर को सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. वास्तु में कहा जाता है कि जिस चीज को हम ज्यादा देखते हैं, हम उसके और अधिक करीब हो जाते हैं. इसलिए, घर में रखने के लिए कैलेंडर और उसे रखने का स्थान सही चुनना चाहिए.


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सकारात्मक ऊर्जा के लिए कैलेंडर
घर में लगाने के लिए ऐसे कैलेंडर चुनना चाहिए जो खुशहाली, सम्पन्नता और विकास को प्रदर्शित करें. जैसे कि प्राकृतिक दृश्य, फूलों की तस्वीरें या महापुरूषों के चित्र वाले कैलेंडर. ये सभी सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं.


पुराना कैलेंडर
अगर कैलेंडर फट जाए या पुराना हो जाए, तो उसे तुरंत बदलना चाहिए. हर महीने के अंत में कैलेंडर का पृष्ठ बदलना चाहिए, इससे हमें समय के साथ चलने की प्रेरणा मिलती है.


कैलेंडर के लिए सही दिशा
घर में पूर्व और उत्तर दिशा में रखे गए कैलेंडर से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. वास्तु के अनुसार कैलेंडर लगाने के लिए पूर्व और उत्तर दिशा सबसे उत्तम बताया गया है.


नकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाले कैलेंडर
युद्ध, उदास चेहरे, सूखा जंगल, प्राकृतिक विनाश आदि दर्शाने वाले कैलेंडर का उपयोग नहीं करना चाहिए. और मुख्य द्वार पर कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि ये सभी नकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं.


उम्र और स्थितियों के अनुसार कैलेंडर
विभिन्न उम्र और स्थितियों के लोगों के लिए अलग-अलग प्रकार के कैलेंडर होते हैं. जैसे नवविवाहित जोड़ों के लिए रोमांटिक सीन, बुजुर्गों के लिए अध्यात्मिक दृश्य, बच्चों के लिए ज्ञान और विकास दर्शाने वाले चित्र के कैलेंडर लगाना अत्यधिक लाभदायक होता है. .


देवी-देवता की तस्वीर
अगर कैलेंडर में देवी-देवता की तस्वीर हो, तो पुराने होने के बाद इसे सम्मान से बहते पानी में विसर्जित करना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)