Krittika Nakshatra Characteristics: तारामंडल का तीसरा नक्षत्र है कृतिका. इसका नाम भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय से जुड़ा हुआ है. भगवान कार्तिकेय देवताओं की दिव्य सेना के सेनापति हैं. कार्तिक शब्द का अर्थ है तीर की नोक, चाकू की नोक या फिर हल का फल यानी जो भी नुकीली वस्तुएं हैं, जिनका प्रयोग किसी कठोर वस्तु या स्थान पर किया जाता है, वह कार्तिक होता है. कार्तिक का एक गूढ़ अर्थ ज्वाला भी है और कृतिका नक्षत्र के देवता अग्नि देव हैं. अग्नि यानी ऊर्जा का समूह, जो शक्ति है. 


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अग्नि जीवन की प्राण ऊर्जा है. जीवन रहने के लिए शरीर का निश्चित तापमान में गर्म रहना अनिवार्य है. अग्नि के माध्यम से ही हम लोग परमात्मा से संबंध स्थापित करते हैं. पंचतत्वों में अग्नि प्रथम, प्रधान एवं पवित्र है, इसलिए वैदिक संस्कारों में अग्नि को साक्षी मानकर संकल्प लिया जाता है. इस नक्षत्र का कुछ अंश मेष राशि और शेष वृष राशि में आता है अतः मेष और वृष राशि वाले व्यक्तियों का कृतिका नक्षत्र हो सकता है.  


गुण  


कृतिका नक्षत्र वाले व्यक्ति स्टेटस में रहकर काम करते हैं. इनको बहुत अधिक बंदिशें नहीं पसंद होती है. यह लोग गलत तरीकों या दूसरों की दया से कुछ भी लाभ नहीं लेना चाहते हैं, क्योंकि यह बहुत ही स्वाभिमानी होते हैं. कृतिका नक्षत्र वाले लोगों को जीवन में बड़े एवं चुनौती पूर्ण कार्य मिलते हैं, लेकिन परमात्मा इनके माध्यम से जटिल कार्यों को सम्पन्न कराते हैं.


यह लोग सदैव लक्ष्य निर्धारित करके ही कार्य करते हैं. कृतिका वाले व्यक्ति अपने कार्यों को प्रसारित करते रहते हैं और अपने काम का एरिया भी बढ़ाते चलते हैं. वैसे यह लोग टेक्निकल माइंड होते हैं और अपने कार्य को कराने की अद्भुत प्रबंधन क्षमता रखते हैं. कृतिका नक्षत्र वाले व्यक्तियों में कंजरवेटिव प्रवृत्ति होती है. पुरानी मान्यताओं के प्रति इनका लगाव होता है. यह पारंपरिक मान्यताओं को पूरे भाव से मानते हैं, उसमें बुद्धि नहीं लगाते हैं. इनका विवाह प्रायः स्वयं की मर्जी एवं सहमति से ही होता है, दबाव में यह विवाह नहीं करते हैं.