Evening Puja Rules: इस एक चीज के बिना अधूरी है शाम की पूजा, रुष्ट हो जाते हैं देवी-देवता, जानें संध्या पूजा के जरूरी नियम
Shaam Ki Puja Ka Sahi Samay: शास्त्रों में देवी-देवताओं की पूजा के लिए सुबह और शाम का समय बताया गया है. लेकिन अक्सर लोग सुबह की पूजा का ही महत्व समझते हैं. उन्हें नहीं पता होता कि भगवान को प्रसन्न करने के लिए शाम की पूजा का भी विशेष महत्व है.
Evening Puja Niyam: शास्त्रों में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ और कुछ उपायों का तरीका बताया गया है. कहा जाता है कि अगर सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान की उपासना की जाए, तो व्यक्ति की पूजा स्वीकार होती है और उसे फल भी मिलता है. धार्मिक ग्रंथों में सुबह और शाम दो समय की पूजा को खास बताया गया है. लेकिन अक्सर देखा जाता है कि लोग सिर्फ सुबह की पूजा को ही विशेष महत्व देते हैं.
शास्त्रों के अनुसार शाम की पूजा भी अगर विधिपूर्वक की जाए, तो देवी-देवता जल्द प्रसन्न होते हैं. लेकिन कई बार संध्या पूजा में लोग कुछ गलतियां और चूक कर देते हैं, जिस का कारण उनकी पूजा अधूरी रह जाती है. और उन्हें पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता. ज्योतिष अनुसार शाम के समय पूजा में अगर पंच पात्र को शामिल न किया जाए, तो पूजा पूरी नहीं मानी जाती.
इसलिए महत्वपूर्ण है पंच पात्र
ज्योतिष शास्त्र में पंच पात्र को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. मान्यता है कि शाम के समय पंच पात्र का होना बहुत जरूरी है. ऐसे में इसके महत्व के बारे में जानना जरूरी है. ग्रंथों के अनुसार पंच पात्र का मतलब है पूजा के पांच पात्र. इसमें तांबे का गिलास, प्लेट, लुटिया (आचमन के लिए), तांबे की छोटी चम्मच और पत्ते के आकार ही बड़ी चम्मच इसमें शामिल होती हैं. इन पांच पात्रों का इस्तेमाल शाम की पूजा में अवश्य करना चाहिए.
जानें घर में पंच पत्र रखने के नियम
- शास्त्रों के अनुसार पंचपात्र किसी धातु का नहीं बल्कि तांबे का होना चाहिए.
- घर में काम आने वाली चीजों से व्यक्ति को पंचपात्र नहीं बनाना चाहिए.
- अगर आप घर से बाहर पंच पात्र को लेकर जा रहे हैं, तो उसे हमेशा साफ और अलग थैले में ही रख कर ले जाएं.
- शाम के समय जब आप पूजन करें तो साथ में पंच पात्रों का भी पूजन करना चाहिए.
- पंचपात्र का इस्तेमाल करने के लिए साबुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि मिट्टी का उपयोग करना चाहिए.
इसलिए किया जाता है पंचपात्र का इस्तेमाल
शास्त्रों में पंचपात्र को बहुत शुभ माना गया है. बता दें कि पंच देवताओं, पंच सिद्धियों, पंच सुखों और पंच इंद्रियों का सूचक माना जाता है. कहते हैं कि पूजा में इनका इस्तेमाल करने से भगवान जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंच पात्र के इस्तेमाल से पांच परेशानियां जैसे आर्थिक स्थिति, असाध्य रोग, अकाल मृत्यु, नकारात्मक ऊर्जा, असफलता आदि से छुटकारा पाया जा सकता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)