Ring Considered Lucky: रत्न शास्त्र में हर राशि के लोगों के लिए कुछ रत्न बताए गए  हैं. इन रत्नों को धारण करने से व्यक्ति की कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम हो जाता है. हर राशि के लिए अलग रत्न बताया गया है. कहते हैं कि बिना ज्योतिष की सलाह के रत्न धारण करना विपरीत परिणाम देता है. रत्न शास्त्र में ऐसे बहुत से रत्न जो धनवान बनने में मदद करते हैं, लेकिन ये लकी रत्न को गलत तरह से धारण करने पर व्यक्ति को कंगाल बनाने में भी देर नहीं लगाते. 


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आइए जानें इन 5 अंगूठियों के बारे में-


नीलम रत्न- नीलम रत्न शनि की दशा में पहना जाता है. इसे ज्योतिष की सलाह से ही धारण करना चाहिए. साथ ही, ये रत्न हर किसी को सूट नहीं करता इसलिए इसे शुरुआती दिनों में अपने पास रखकर सोया जाता है. बता दें कि नीलम रत्न सोने या पंच धातु से बनी अंगूठी में पहना जाता है. ये बहुत तेजी से प्रभावित करती है. साथ ही, ये सकारात्मक फल देता है. ये व्यक्ति को राजा बनाने में भी देर नहीं लगाता. और सड़क पर भी ला देता है.  


कछुए की अंगूठी- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कछुए का संबंध मां लक्ष्मी से बताया जाता है. कहते हैं कि मां लक्ष्मी और कछुए दोनों की उत्पत्ति जल से हुई है. साथ ही, ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने कच्छप अवतार भी लिया था.  कछुए की अंगूठी धारण करने से व्यक्ति को बेशूमार दौलत की प्राप्ति होती है. लेकिन इसे कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के लोग भूलकर भी धारण न करें. अगर इस राशि के लोग इसे धारण करते हैं तो उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे.  


हीरा रत्न- इस रत्न को शुक्र ग्रह से संबंधित माना गया है, जो कि प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक है. इसके बावजदू ज्योतिष के अनुसार नवविवाहित जोड़े को शादी के समय और शादी के एक साल बाद तक हीरा धारण नहीं करना चाहिए. अगर कोई ऐसा करता है तो हीरा संतान प्राप्ति में दिक्कत पैदा कर सकता है. इसे धारण करने से पहले ज्योतिष से सलाह अवश्य लें. 


मोती-  ध्यान रखें कि मोती के साथ लहसुनिया और गोमेद रत्न न पहनें. बता दें कि अगर आपने गोमेद और लहसुनिया रत्न पहना हुआ था, तो मोती न पहनें क्योंकि लहसुनिया केतु  ग्रह और गोमेद राहु ग्रह का रत्न बताया जाता है. वहीं, मोती चंद्रमा के शुभ फल प्राप्ती के लिए पहना जाता है. मान्यता है कि चंद्रमा के साथ जब भी राहु और केतु होते हैं तो ग्रहण दोष बन जाता है. 


नवग्रह रिंग-  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रह अंगूठी तांबा, पीतल, कांसा, चांदी, सोना, रांगा, लोहा आदि को मिलाकर बनाई जाती है. अगर आपने ये अंगूठी धारण की हुई  है, तो इस दौरान मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें. अगर आप इनका सेवन करते हैं तो अंगूठी के नकारात्मक परिणाम सामने आते हैं. 


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 


 


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