Astrology Connection to Earthquake: भूकंप का क्या है ज्योतिषीय कनेक्शन? Astrology से जानिए क्यों और कब हिल जाती है धरती
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Astrology Connection to Earthquake: भूकंप का क्या है ज्योतिषीय कनेक्शन? Astrology से जानिए क्यों और कब हिल जाती है धरती

Astrology Connection to Earthquake: नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप ने एक बार फिर लोगों में दहशत भर दी है. लेकिन क्या भूकंप का कोई ज्योतिषीय कनेक्शन भी होता है. क्या हम ज्योतिष शास्त्र के जरिए भूकंप के बारे में पहले से पता लगा सकते हैं.

 

Astrology Connection to Earthquake: भूकंप का क्या है ज्योतिषीय कनेक्शन? Astrology से जानिए क्यों और कब हिल जाती है धरती

Connection of Earthquake with Astrology: आज सुबह जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे तो भूकंप के तेज झटकों से नेपाल, भारत और तिब्बत कांप उठे. भूकंप का केंद्र नेपाल का राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र नेपाल-तिब्बत सीमा के पास शिजांग में रहा. इसकी वजह से हुए जान-माल के नुकसान का अभी ब्योरा नहीं मिल सकता है लेकिन अंदेशा जताया जा रहा है कि इससे भारी हानि हुई है. आज के दौर में बार-बार आ रहे भूकंप लगातार लोगों को डरा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद मानव अभी तक ऐसी कोई मशीन या साधन विकसित नहीं कर पाया है, जिससे आने वाले भूकंप का पहले से पता लगाया जा सके. 

हालांकि धार्मिक विद्वानों की मानें, तो भूकंप का ज्योतिष शास्त्र से गहरा कनेक्शन होता है. आप भारतीय ज्योतिष शास्त्रों का अध्ययन करके पंचांग के जरिए वर्षों बाद भी लगने वाले ग्रहण, पूर्णिमा, अमावस्या समेत सभी खगोलीय घटनाओं का सटीकता से आकलन कर सकते हैं. इसी तरह कई बिंदुओं के जरिए भूकंप की संभावना का पूर्वानुमान लगा सकते हैं. 

भूकंप और समय 

ज्योतिष शास्त्रियों की मानें तो भूकंप कभी भी आ सकता है लेकिन दिन के 12:00 बजे से लेकर सूर्य ढलने तक और आधी रात से लेकर सूर्योदय के दौरान भूकंप का खतरा ज्यादा होता है. 

ग्रहण के दौरान नहीं आता भूकंप?

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य या चंद्र ग्रहण लगा हो तो कभी भूकंप नहीं आता है. हालांकि सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के बाद आने वाली पूर्णिमा या अमावस्या के बाद भूकंप आने की ज्यादा आशंका रहती है. 

इन महीनों में भूकंप का ज्यादा खतरा!

ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार, जब सूर्य देव दक्षिणायन होते हैं (दिसम्बर-जनवरी में) और जब वे उत्तरायण होने जा रहे होते हैं (मई-जून में) तो उस दौरान ज्यादा भूकंप आते हैं. 

उल्कापिंड का भूकंप से कनेक्शन!

धार्मिक विद्वानों के अनुसार, ब्रह्मांड में छोटे-बड़े आकार के करोड़ों उल्का पिंड घूम रहे हैं. जब वे उल्का पिंड पृथ्वी के काफी नजदीक आ जात हैं या टकरा जाते हैं तो भूकंप का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. 

ग्रहों के वक्री होने से आते हैं भूकंप?

जब प्रमुख और शक्तिशाली ग्रह जैसे कि मंगल, बृहस्पति और शनि वक्री चाल यानी उल्टी चाल चलते हैं तो ऐसी स्थितियों में भूकंप आने की आशंका ज्यादा हो जाती है. इसके साथ ही मंगल और राहु षडाष्टक योग, मंगल और शनि का षडाष्टक योग, सूर्य और मंगल का षडष्टक योग, मंगल और शनि का दूर होना, क्रूर कहे जाने वाले ग्रहों का एक साथ युति करना, राहु और चंद्रमा की विशेष स्थिति होने से भी भूकंप की आशंकाएं बलवती हो जाती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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